Last Updated: Friday, May 31, 2013, 19:43

नई दिल्ली : बहुचर्चित इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ कांड में गिरफ्तारी से आशंकित गुजरात पुलिस के वरिष्ठतम अधिकारियों में शामिल अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक पी.पी. पांडे ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। न्यायालय ने इस मामले में उनके खिलाफ कार्यवाही निरस्त करने के लिये दायर याचिका पर केन्द्रीय जांच ब्यूरो से जवाब तलब किया है।
न्यायमूर्ति ज्ञान सुधा मिश्रा और न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर की खंडपीठ भारतीय पुलिस सेवा के 1980 बैच के इस अधिकारी की याचिका पर विचार के लिये तैयार हो गयी है। यह अधिकारी अप्रैल में अस्वस्थता के आधार पर छुट्टी लेने के लिये आवेदन करने के बाद से कथित रूप से गायब हो गया था।
पीपी पांडे ने इशरत जहां और तीन अन्य को फर्जी मुठभेड़ में मारे जाने की घटना के सिलसिले में उसके खिलाफ आपराधिक कार्यवाही निरस्त करने का अनुरोध किया है। याचिका में कहा गया है कि उससे ईष्या रखने वाले भारतीय पुलिस सेवा के उसके सहयोगी अधिकारियों ने उसे इस मामले में झूठा फंसाया है।
इस पुलिस अधिकारी ने याचिका में कहा है कि फर्जी मुठभेड़ के मामले में उसकी किसी भी तरह की कोई भूमिका नहीं थी और उसने तो सिर्फ खुफिया सूत्रों से मिली सूचना अपराध शाखा के अधिकारियों तक पहुंचायी थी। पीपी पांडे के लिए जांच एजेन्सी ने सम्मन जारी किया था और इसके बावजूद जब वह हाजिर नहीं हुए तो सीबीआई की अदालत ने उनकी गिरफ्तारी के लिए दो मई को वारंट जारी किया था। (एजेंसी)
First Published: Friday, May 31, 2013, 19:43