Last Updated: Thursday, June 27, 2013, 15:37
ज़ी मीडिया ब्यूरोदेहरादून: उत्तराखंड के केदारनाथ में सेना का रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा हो चुका है। लेकिन जो मलबे के नीचे शव दबे हुए उन्हें निकालने का काम प्रशासन करेगा।
इस बीच आपदा से अत्याधिक प्रभावित हुए केदारनाथ घाटी में महामारी फैलने के डर के बीच यहां सड़ गल चुकी लाशों का तेजी से अंतिम संस्कार किया जा रहा है। पुजारी गुरुवार को यहां पीड़ितों का अंतिम संस्कार कर रहे हैं, जिसे कल खराब मौसम की वजह से स्थगित करना पड़ा था।
स्वास्थ्य विभाग ने नदियों का पानी दूषित होने की आशंका के बीच आसपास के इलाकों में लोगों को इसे नहीं पीने की चेतावनी दी है। केदारनाथ मंदिर से सटे इलाकों की हवा में यहां सड़े गले शवों की काफी दुर्गंध है, ऐसे में विभाग ने यहां विभिन्न संक्रामक रोग फैलने की आशंका व्यक्त की है।
बाढ़ से तबाह हुए उत्तराखंड में फंसे हुए लोगों को बचाने के लिए हवाई बचाव अभियान बुधवार को दोबारा शुरू तो हुआ, लेकिन मौसम खराब हो जाने की वजह से बद्रीनाथ में इसे रोकना पड़ा।
इस त्रासदी के पैमाने को देखते हुए, ऐसी संभावना है कि बचावकर्मियों की पहुंच के बाहर कई इलाकों में शव अभी भी खुले में पड़े हुए होंगे। इस बीच, 208 लोगों को हर्सिल सेक्टर से बाहर निकाल लिया गया है, हालांकि वहां अब भी 600 लोग फंसे हुए हैं।
First Published: Thursday, June 27, 2013, 15:29