Last Updated: Tuesday, July 16, 2013, 08:54

देहरादून: उत्तराखंड में भारी बारिश के बाद भीषण बाढ़ और भूस्खलन से मची तबाही के एक महीना गुजरने के बाद भी केदारनाथ में कई फीट ऊंची जमी गाद के नीचे अभी भी सैकड़ों की संख्या में मानव शव और मृत पशुओं के अस्थि-पंजर दबे हुए हैं। इन जीवन अवशेषों को निकालने के लिए अधिकारी अब मशीनों का उपयोग करेंगे।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री सुरिंदर सिंह नेगी ने बताया कि राज्य में बाढ़ से तबाह हो चुके इलाकों में मलबे तले दबे शवों को निकालने के लिए मशीनों का उपयोग किया जाएगा।
मुंशियारी इलाके में रविवार को ही मशीनें उतारी जा चुकी हैं। मशीनें जल्द ही केदार घाटी में ले जाई जाएंगी। मुंशियारी केदारनाथ से 100 किलोमीटर की दूरी पर है। नेगी ने बताया कि बाढ़ के बाद ऊपर से दिखाई दे रहे शवों को तो हटा दिया गया है, लेकिन गाद के नीचे दबे शवों को निकालना काफी कठिन है।
नेगी ने बताया कि इससे पहले खराब मौसम और हेलीपैड के टूट जाने के कारण खुदाई करने वाली मशीनों को ले जाने में देरी हुई। शवों को सड़ने तथा इसके कारण संक्रमण एवं बीमारी को फैलने से बचाने के लिए अधिकारियों ने बाढ़ग्रस्त इलाकों में कई टन ब्लीचिंग पाउडर तथा संक्रमण-रोधी पदार्थो का छिड़काव करवाया है। छिड़काव हेलीकॉप्टर के जरिए भी किए गए।
राज्य सरकार ने सोमवार को घोषणा की कि त्रासदी की चपेट में आए 5,748 लोग अभी भी लापता हैं। सरकार ने साथ ही यह भी कहा कि लापता लोगों के परिवार वालों को भी मुआवजा दिया जाएगा। सरकार ने हालांकि कहा है कि इसके साथ-साथ लापता लोगों की तलाश का काम भी जारी रहेगा। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, July 16, 2013, 08:54