उत्तराखंड त्रासदी: हर्षिल सेक्‍टर पूरी तरह से खाली, शहीद जवानों को गार्ड ऑफ ऑनर

उत्तराखंड त्रासदी: हर्षिल सेक्‍टर पूरी तरह से खाली, शहीद जवानों को गार्ड ऑफ ऑनर

उत्तराखंड त्रासदी: हर्षिल सेक्‍टर पूरी तरह से खाली, शहीद जवानों को गार्ड ऑफ ऑनरज़ी मीडिया ब्‍यूरो

गौचर/देहरादून (उत्‍तराखंड) : उत्तराखंड आपदा के 13 दिनों बाद हर्षिल सेक्टर को पूरी तरह से खाली कराए जाने के साथ ही बचाव कार्यकर्ताओं ने अपने विशाल अभियान को शुक्रवार को लगभग पूर्ण कर लिया तथा अब अपना अंतिम जोर बद्रीनाथ की ओर लगा दिया है जहां करीब 1400 लोग अभी तक फंसे हुए हैं। उधर, उत्तराखंड में मंगलवार को हेलीकॉप्टर हादसे में शहीद होने वाले 20 बहादुर जवानों को शुक्रवार को गार्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया।

देहरादून में आयोजित समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा और सेना प्रमुख बिक्रम सिंह की मौजूदगी में भारतीय वायुसेना के पांच, राष्ट्रीय आपदा कार्रवाई बल (एनडीआरएफ) के नौ और भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के छह जवान सम्मानित किए गए।

वहीं, पर्वतीय राज्य में 15 जून को हुई भारी वर्षा के बाद आई बाढ़ एवं भूस्खलन के कारण अभी तक 3000 लोग लापता हैं। राज्य में आए सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह ने कहा कि उनके सैनिक एवं भारतीय वायुसेना के कर्मी अंतिम व्यक्ति को बचाये जाने तक अपना अभियान जारी रखेंगे। अपने अधिकारियों एवं जवानों से बातचीत के बाद जनरल सिंह ने गौचर में संवाददाताओं से कहा कि हमारा प्रयास है कि अपने सभी नागरिकों का पता लगाया जाए, भले ही वे जहां भी हों और उन्हें निकाला जाए।

राज्य में आई आपदा के बाद दूसरी बार देहरादून के दौरे पर आए केन्द्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा कि हमारे सारे प्रयास बहु एजेंसी अभियानों के तहत किये जाये ताकि मलबे में फंसे और लापता लोगों का पता लगाया जा सके। उन्होंने कहा कि वायुसेना सभी लोगों को निकालने के लिए और एमआई 17 हेलीकाप्टरों को युद्ध स्तर पर लगाएगी। हेलीकाप्टर बेड़े को अगले 15 और दिनों तक उत्तराखंड में ही रखा जायेगा।

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष एस. शशिधर रेड्डी ने कहा कि अभी तक एक लाख 4095 लोगों को बचाया गया है। उन्होंने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि लेकिन बद्रीनाथ में अब भी 1400 लोगों को बचाया जाना है। उच्चतम न्यायालय में एक जनहित याचिका की सुनवाई में उत्तराखंड सरकार ने कहा कि बचाव अभियान शनिवार तक पूरा हो जाएगा। राज्य सरकार ने कहा कि तीर्थस्थल बद्रीनाथ में अभी तक 1000 तीर्थयात्री निकाले जाने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। लेकिन वे सुरक्षित स्थिति में हैं तथा जल एवं खाद्य सामग्री की कोई कमी नहीं है।

आपदा से सबसे बुरी तरह प्रभावित केदारनाथ में शवों का सामूहिक स्तर पर अंतिम संस्कार भी जारी हैं क्योंकि अधिकारियों के पास महामारी की रोकथाम करने के लिए काफी कम समय रह गया है। शिंदे के अनुसार बड़ी संख्या में लोगों के अभी तक लापता होने तथा उनके शवों के मलबे में फंसे होने की आशंका के बीच ऐसे लोगों का पता लगाए जाने पर जोर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि महिलाओं सहित बीमार, वृद्ध और अशक्त लोगों को निकालने को प्राथमिकता दी जाएगी। इनमें से बहुत से लोग बद्रीनाथ में फंसे हुए हैं।

राज्य सरकार के अधिकारियों ने बताया कि मौसम में सुधार के साथ पर्वतीय राज्य के विभिन्न हिस्सों में फंसे अनुमानित 1237 लोगों को निकालने के लिए 17 हेलीकाप्टर उड़ान भर रहे हैं। हर्षिल क्षेत्र में अब कोई तीर्थयात्री नहीं रह गया है। करीब 3000 लोग अभी तक लापता हैं। अधिकारियों ने कहा कि अब ध्यान बद्रीनाथ क्षेत्र की ओर है जहां अधिकतर तीर्थयात्री फंसे हुए हैं। अधिकारियों की चिंताएं उस समय बढ़ गई जब बचाव अभियान में लगा एक हेलीकाप्टर हर्षिल क्षेत्र में आपात स्थिति में उतरा। इससे दो दिन पहले ही बचाव कार्य में लगा भारतीय वायुसेना का एक एमआई 17 हेलीकाप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिससे उसमें सवार सभी 20 लोग मारे गए थे। आज हेलीकाप्टर के आपत स्थिति में उतरने पर कोई हताहत नहीं हुआ।

विंग कमांडर (सेवानिवृत्त) आरएस बरार ने बताया कि हर्षिल के हैलीपैड पर हेलीकाप्टर मुश्किलों में उतरा और इस प्रक्रिया में वह क्षतिग्रस्त हो गया। उन्होंने कहा कि बहरहाल, उसमें सवार सभी लोग सुरक्षित हैं। इक्कीस जून को बचाव कार्यों में संलग्न एक निजी हेलीकाप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। हालांकि पायलट को बचा लिया गया।

पर्वतीय राज्य में हुए नुकसान की स्पष्ट तस्वीर भी आज साफ उभरकर सामने आई। रेड्डी ने बताया कि राज्य के 22 हजार गांवों में 2375 गांव प्रभावित हुए हैं। इनमें से 1636 से अभी तक संपर्क जुड़ गया है जबकि 739 से संपर्क नहीं जुडा है। प्रभावित क्षेत्रों का एक दिवसीय दौरा करने आए जनरल सिंह ने बताया कि उन्होंने अपने कमांडरों से कहा है कि वे अत्यंत कठिन परिस्थितियों में पहले से सक्रियता दिखाते हुए राहत अभियान शुरू करें और इसके लिए अधिकारियों से किसी अनुमति की प्रतीक्षा नहीं करें। उन्होंने कहा कि हमें सूचना मिल रही है कि कुछ इलाकों में अभी तक चंद लोग बच गए हैं। जैसा कि मुझे कल बताया गया कि हमें बद्रीनाथ के उत्तर में कुछ लोगों के होने की खबर मिली है, संभवत: उनमें 40 लोग होंगे। जनरल सिंह ने कहा कि हमने कल उड़ान भरी थी लेकिन हम उनका पता नहीं लगा पाए यदि मौसम ने अनुमति दी तो हम फिर उड़ान भरेंगे।

उधर, उत्तराखंड में मंगलवार को हेलीकॉप्टर हादसे में शहीद होने वाले 20 बहादुर जवानों को शुक्रवार को गार्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया। देहरादून में आयोजित समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा और सेना प्रमुख बिक्रम सिंह की मौजूदगी में भारतीय वायुसेना के पांच, राष्ट्रीय आपदा कार्रवाई बल (एनडीआरएफ) के नौ और भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के छह जवान सम्मानित किए गए।

शिंदे ने कहा कि 20 बहादुरों को गार्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित करना राष्ट्र की सेवा के लिए उनके महान बलिदान को याद करने का हमारी ओर से एक छोटा सा कदम है। हम उन सभी के लिए प्रार्थना करते हैं जिन्होंने अपना जीवन गंवा दिया। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि बड़ी संख्या में लोग अब भी लापता हैं और उनके शव मलबे और कीचड़ में दबे होने की आशंका है। अब हमारा ध्यान उन्हें ढूंढने की ओर केंद्रित है। गृह मंत्री ने कहा कि बीमार, वृद्ध और विकलांग लोगों के अलावा महिलाओं को प्राथमिकता के आधार पर बाहर निकाला जाएगा। इनमें से अधिकतर लोग बद्रीनाथ इलाके में फंसे हुए हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि वायुसेना के हेलीकॉप्टर बचाव कार्य के लिए अभी 15 और दिनों तक राज्य में रहेंगे।

First Published: Friday, June 28, 2013, 23:27

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