Last Updated: Thursday, June 27, 2013, 14:03
ज़ी मीडिया ब्यूरोदेहरादून/हरिद्वार: उत्तराखंड के केदारनाथ में कुदरत ने विनाशलीला की ऐसी पटकथा लिखी है कि उसका खौफ अब भी बचे हुए लोगों के चेहरे पर साफ नजर आता है। केदारनाथ के ठीक पास है रामबाड़ा जो सैलानियों में बेहद चर्चित है। सैलानी यहां रुकने के अलावा ट्रैकिंग करना भी पसंद करते है।
इस जगह के जलप्रलय में पूरी तरह बर्बाद होने की चर्चा है। यह स्थान खूबसूरती के अलावा केदारनाथ और गौरीकुंड में ट्रैकिंग को लेकर भी चर्चा में रहता है। 16 और 17 जून को जलप्रलय के दौरान रामबाड़ा में कुछ निशान बचा ही नहीं। सबकुछ बर्बाद हो गया। चश्मीदादों के कहना है कि केदारनाथ में तो कुछ दिख भी रहा है लेकिन रामबाड़ा में कुछ भी नहीं दिख रहा है। नक्शे से उसका नामोनिशान मिट चुका है।
यहां लगभग 150 दुकाने थी और पांच होटल थे जहां सैलानी ठहरा करते थे। अब यहां कुछ भी नहीं दिखता, सब पानी में बह गए हैं। जब इस इलाके में पानी का सैलाब आया तो धरती से उसकी ऊंचाई 10 फीट थी जिसमें सब कुछ बह गया। यहां अब भी मलवा बिखरा हुआ है। इस मलबे में ना जाने कितनी इंसानी लाशें समेत कई चीजें मिलेंगी लेकिन फिलहाल यहां सबकुछ खौफ में सिमटा हुआ है। यहां सन्नाटा पसरा है,खामोशी है जिसमें बर्बादी का मंजर साफ दिखता है
First Published: Thursday, June 27, 2013, 14:03