Last Updated: Thursday, June 27, 2013, 18:44

गुप्तकाशी : महामारी फैलने की आशंका के बीच तेज बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित केदारनाथ में सामूहिक रूप से अंतिम संस्कार की प्रक्रिया तेज कर दी गई जबकि बद्रीनाथ में फंसे लोगों को निकालने के लिए हवाई अभियान गुरुवार को मौसम फिर से खराब होने के चलते रोकना पड़ा।
डीआईजी संजय गुंजयाल ने कहा कि केदारनाथ में अभी तक कुल 18 शवों का अंतिम संस्कार किया जा चुका है। शवों की पहचान, डीएनए नमूना संरक्षण और पोस्टमार्टम जैसी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद ही अंतिम संस्कार करने का अगला दौर शुरू किया जाएगा। गुंजयाल की ही देखरेख में यह प्रक्रिया चल रही है।
उन्होंने कहा कि औपचारिकता पूरी करने के लिए चिकित्सकों, फोरेंसिंक विशेषज्ञों और पुलिसकर्मियों का एक दूसरा दल केदारनाथ के लिए रवाना हो चुका है। उन्होंने कहा कि राहत अभियान और सामूहिक अंतिम संस्कार खराब मौसम के चलते प्रभावित हुआ है। उन्होंने कहा कि मृतकों के अंतिम संस्कार के लिए औपचारिकताओं में भी समय लग रहा है। प्रतिकूल मौसम के चलते बंद की गई अंतिम संस्कार की प्रक्रिया कल फिर से शुरू की गई थी।
स्वास्थ्य विभाग ने आसपास के क्षेत्रों को चेतावनी दी है कि वे नदी का पानी न पियें क्योंकि वह अत्यधिक प्रदूषित हो सकता है। केदारनाथ धाम के आसपास के क्षेत्रों में हवा में सड़ते शवों की दुर्गंध है। विभाग ने विभिन्न संक्रामक बीमारियों के फैलने की आशंका जतायी है। गुप्तकाशी में राहत अभियान के नोडल अधिकारी रविकांत रमण ने कहा कि हम शवों का जल्दी अंतिम संस्कार कर रहे हैं लेकिन त्रासदी का पैमाना और प्रकृति देखते हुए ऐसी आशंका है कि शव अभी भी खुले में पड़े हों जहां अभी तक राहत कर्मी नहीं पहुंच पाए हैं। इस बीच हषिर्ल सेक्टर से अभी तक 208 लोगों को बचाया गया है लेकिन अभी भी 600 लोग फंसे हुए हैं।
एयर कमोडोर राजेश इस्सार ने देहरादून में कहा कि हम विभिन्न सेक्टरों से 1341 लोगों को निकाल पाए हैं। बद्रीनाथ से हम केवल 350 लोगों को निकाल पाये हैं क्योंकि मौसम ने हमें एक घंटे का ही समय दिया और हमने उसका इस्तेमाल किया। बद्रीनाथ राहत अभियान के केंद्र बिंदु पर था। हर्षिल अभियान आज समाप्त होने की संभावना है। वायुसेना के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि बद्रीनाथ से तीर्थयात्रियों को निकालने के लिए कम से कम 14 हेलीकाप्टरों को तैयार रखा गया है। मौसम के साफ होते ही हम बद्रीनाथ धाम से अभियान फिर से शुरू कर देंगे।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि हषिर्ल और बद्रीनाथ में तीन हजार से अधिक लोग फंसे हुए हैं। राहत अभियान जारी है। रुक रुककर हो रही वर्षा से देहरादून और चमोली जिले सहित अन्य स्थानों पर बचाव कार्य प्रभावित हो रहा है। बद्रीनाथ धाम चमोली जिले में ही स्थित है। आधिकारिक आकड़ों के अनुसार उत्तराखंड आपदा में अभी तक 822 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। इन आकड़ों में केदारनाथ क्षेत्र में मिले 260 शव शामिल हैं।
अधिकारियों ने कहा कि राहत सामग्री 40 हेलीकाप्टरों से उन गांवों में भी वितरित की जा रही है जहां से अनाज की कमी की बात पता चली है। ऐसी सू़चना है कि लोग प्रभावित गांवों में अनाज, बिजली और पानी की कमी का सामना कर रहे हैं। इससे उन अधिकारियों की परेशानी बढ़ गई है जो कि अभी तक लोगों के बचाव कार्य में लगे हुए हैं। ऋषिकेश से प्राप्त एक खबर के अनुसार आपदा में लापता राजस्थान के लोगों के नाराज रिश्तेदारों ने राज्य सरकार के उस बैनर को जला दिया जो कि शहर में बस स्टैंड के पास स्थित राहत शिविर के पास लगाया गया था। लापता लोगों के रिश्तेदार मीडिया कर्मियों से भी भिड़ गए।
लापता लोगों के रिश्तेदार अपने परिजनों के बारे में उन अधिकारियों के पास कोई सूूचना नहीं होने के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे जिन्हें इस काम के लिए तैनात किया गया है। सुबह वर्षा के चलते देहरादून स्थित सहस्त्रधारा हेलीपैड पर राहत अभियान प्रभावित हुआ लेकिन बाद में मौसम साफ होने के बाद यह दोबारा शुरू हो गया। यहां से तीन हेलीकाप्टर प्रभावित क्षेत्रों के लिए रवाना हुए। ब्रिगेडियर उमा माहेश्वरी ने कहा कि बद्रीनाथ और हर्षिल-गंगोत्री क्षेत्र ऐसे दो केंद्र हैं जहां लोग निकाले जाने का इंतजार कर रहे हैं। अधिकारी ने कहा कि यदि हेलीकाप्टर से लोगों को निकालने का अभियान जारी रहता है तो हर्षिल अभियान दोपहर तक समाप्त हो जाएगा। ऐसा तब होगा जब मौसम हेलीकाप्टरों के उड़ने के अनुकूल रहे। माहेश्वरी ने कहा कि 500 लोग पैदल ही बद्रीनाथ से रवाना हुए थे, वे जोशीमठ के रास्ते में थे। 220 लोग गोविंद घाट पार कर गए हैं जबकि हेमकुंड क्षेत्र साफ है।
अधिकारी ने कहा कि बद्रीनाथ से जोशीमठ की कुल दूरी 43 किलोमीटर है और इसमें से तीर्थयात्रियों को पैदल केवल 12 किलोमीटर ही चलना पड़ता है। बाकी की दूरी वे वाहनों से तय करते हैं। अधिकारी ने कहा कि सेना लोगों को भरोसा देने के साथ उन्हें प्रेरित कर रही है कि वे सड़क मार्ग का इस्तेमाल करें। माहेश्वरी ने कहा कि सेना और असैनिक हेलीकाप्टर सुबह से दूरदराज के इलाकों से 100 से अधिक लोगों को निकाल चुके हैं। (एजेंसी)
First Published: Thursday, June 27, 2013, 18:44