उमा भारती की चुनौती से डरी सपा सरकार, नहीं हुई भाजपा विधायकों की गिरफ्तारी

उमा भारती की चुनौती से डरी सपा सरकार, नहीं हुई भाजपा विधायकों की गिरफ्तारी

उमा भारती की चुनौती से डरी सपा सरकार, नहीं हुई भाजपा विधायकों की गिरफ्तारीज़ी मीडिया ब्यूरो
लखनऊ/मुजफ्फरनगर : लखनऊ में भाजपा के विधायक विधानसभा भवन से उमा भारती के साथ निकल गए। उनकी गिरफ्तारी के इंतजार में खड़ी पुलिस उन्हें देखती रह गई। इससे पहले उमा भारती ने आज विधान भवन परिसर में खुली चेतावनी देते हुए कहा था कि यदि भाजपा विधायकों को गिरफ्तार किया गया तो इसके बहुत गंभीर परिणाम सपा सरकार को भुगतने होंगे।

उत्तर प्रदेश की राजनीति को झकझोर कर रख देने वाले मुजफ्फरनगर दंगों को भड़काने के आरोपी भाजपा विधायक संगीत सोम और सुरेश राणा ने आज कहा कि वे न तो भगोड़े हैं और न ही दोषी। विधानसभा की कार्यवाही में भाग लेने आए दोनों विधायकों ने कहा कि राज्य सरकार उन्हें दंगा भड़काने के आरोप में फंसाना चाहती है जबकि वे निर्दोष हैं।

संगीत सोम ने कहा कि उन्होंने कोई वीडियो अपलोड नहीं किया है, लेकिन सरकार को लगता है तो वो जांच करा ले। उन्होंने कहा कि वे गिरफ्तारी से नहीं डरते। विधानसभा की कार्यवाही में भाग लेने के बाद अब भाजपा नेता हुकुम सिंह और संगीत सोम प्रदेश भाजपा के कार्यालय पहुंच गए हैं। पुलिस ने आज किसी को गिरफ्तार नहीं किया है। वहीं विधानसभा के बाहर भाजपा के विधायक और कार्यकर्ताओं ने जोरदार हंगामा भी किया।

हालांकि उत्तर प्रदेश सरकार ने दंगे के आरोपी विधायकों की गिरफ्तारी के आदेश जारी कर दिए हैं। उनके खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट भी जारी हो गया है। विधानसभा के आसपास पुलिस ने जबरदस्त नाकेबंदी करके रखी थी। माना ये जा रहा था कि पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर लेगी। लेकिन इन सबके बावजूद आरोपी विधायक विधानसभा आए और फिर गए। पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार नहीं किया।

पुलिस के अनुसार बसपा सांसद कादिर राणा, भाजपा विधायकों संगीत सोम और भारतेंदु सिंह, बसपा विधायकों नूर सलीम और मौलाना जमील, कांग्रेस नेता सईदुज्जमां और भारतीय किसान यूनियन के प्रमुख नरेश टिकैत सहित 16 राजनीतिक और सामुदायिक नेताओं के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हुए हैं।

उन्होंने बताया कि ये लोग निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने और जिले में विभिन्न बैठकों (महापंचायतों) के दौरान भड़काउ भाषण देकर सांप्रदायिक हिंसा भड़काने के मामलों में वांछित हैं। पुलिस का कहना है कि इन वांछितों की गिरफ्तारी के लिए 10 टीमों का गठन किया गया है और पूरे राज्य के अलग अलग हिस्सों में इन्हें भेज दिया गया है।

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश विधानसभा में कहा, ‘इस घटना की योजना एक पार्टी विशेष की मदद करने के लिए बनाई गई थी ताकि स्थिति का राजनीतिक लाभ उठाया जा सके।’ मुजफ्फरनगर और आसपास के इलाकों में सांप्रदायिक हिंसा में 47 लोग मारे गए और 40 हजार से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रवीण कुमार ने कहा, ‘हमने तीन से चार नेताओं को गिरफ्तार कर लिया है। हमने कुछ सबूत जुटाए हैं। कुछ और सबूत जुटाए जाने हैं और जल्द ही और गिरफ्तारियां भी की जाएंगी। जो भी दोषी है, उन्हें दो दिन के भीतर गिरफ्तार किया जाएगा। यह जांच का विषय है।’

इस बीच अपने खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हो जाने बाद संगीत सोम ने लखनउ में कहा कि वह गिरफ्तारी के लिए तैयार हैं। उन्होंने मामले की सीबीआई जांच की मांग की। सोम के खिलाफ एक फर्जी ऑनलाइन वीडियो पोस्ट करके हिंसा भड़काने के मामले में गैर जमानती वारंट जारी किया गया है। सोम ने आरोप लगाया कि एक वर्ग विशेष को खुश करने के लिए उन पर भड़काऊ भाषण देने का मामला दर्ज किया गया है।

उन्होंने लखनऊ में संवाददाताओं से कहा, ‘मैंने पूरे प्रकरण की सीबीआई से जांच की मांग की है। मैं सभी विधायकों के साथ गिरफ्तार होने के लिए तैयार हूं, लेकिन सरकार को सही ढंग से काम करना चाहिए तथा सच्चाई पर कायम रहना चाहिए।’ भाजपा विधायक ने कहा, ‘मैंने अगर भड़काऊ भाषण दिया है तो इसकी सीडी होनी चाहिए। वे उसे दिखाएं।’

First Published: Wednesday, September 18, 2013, 18:53

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