'एएफएसपीए' पर उमर ने उठाए सवाल - Zee News हिंदी

'एएफएसपीए' पर उमर ने उठाए सवाल

जम्मू : जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सेना की उन क्षेत्रों में सुरक्षा संबंधी जरूरत पर सवाल उठाए हैं जहां सेना बहुत सालों से कार्यरत नहीं है।

 

मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘हमारी कोशिश उन क्षेत्रों से सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (एएफएसपीए) हटाना है जहां सेना के काम करने की जरूरत नहीं है। मैंने कभी भी बारामूला, सोपोर और कुपवाड़ा के इलाकों से सेना हटाने की बात नहीं कही।’ उमर एएफएसपीए अधिनियम हटाने से संबंधित सवालों का जवाब दे रहे थे।

 

उन्होंने कहा कि जहां सेना ने कई सालों से काम नहीं किया है वहां एएफएसपीए हटाने में क्या समस्या है? सेना की जम्मू-कश्मीर के आतंकवाद प्रभावित क्षेत्रों में काम करते समय कानूनी सुरक्षा देने संबंधी मांग से संबंधित सवाल का जवाब देते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि बहुत सारे इलाके ऐसे हैं जहां सेना ने सालों से काम नहीं किया है। जब सेना ने वहां सालों से काम नहीं किया है तो ऐसे में सुरक्षा संबंधी मांग क्यों की जा रही है?

 

अब्दुल्ला ने कहा, ‘यह एक सीधा सवाल है जिसपर वह सेना से सीधे जवाब की अपेक्षा करते हैं। हममें निर्णय लेने का साहस होना चाहिए। शुरुआत में मुश्किलें जरूर आएंगी लेकिन अंत में परिणाम अच्छे होंगे।’ अब्दुल्ला ने कहा, ‘जब हमने श्रीनगर से 40 सुरक्षा बंकर हटाए थे तब भी सेना ने ऐसी ही आवाज उठाई थी। सेना ने कहा था कि घाटी आतंकियों का गढ़ बन जाएगी और आतंकी हमले होंगे। लेकिन सच्चाई इससे उलट थी। मैं इस मुद्दे पर बात करना चाहूंगा और इसे आगे की दिशा में ले जाना चाहूंगा।’

 

एएफएसपीए अधिनियम हटाने के समय पर बात करते हुए उमर ने कहा कि आतंकी घटनाएं पिछले कई सालों से घट रही हैं। अगर हम उम्मीद करते हैं कि हर बंदूक शांत हो जाए तब यह निर्णय लिया जाए तो मैं मानता हूं कि वह समय कभी नहीं आएगा।’ रक्षा मंत्रालय द्वारा की गरी आपत्तियों पर चर्चा करते हुए अब्दुल्ला ने कहा, ‘उनके साथ बातचीत चल रही है और यह आगे भी जारी रहेगी। आज दोपहर एक संयुक्त बैठक का आयोजन किया जा रहा है जिसमें मैं और उप मुख्यमंत्री तारा चंद शामिल होंगे।’

 

उन्होंने कहा कि आगे इस विषय पर मंत्रिमंडल की बैठक में भी चर्चा होगी। हालांकि यह अभी तय नहीं है कि यह बैठक कब होगी। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मैंने इस विषय पर गृह मंत्री पी. चिदंबरम से टेलीफोन पर संक्षिप्त चर्चा की। जहां तक मेरी बात है मैं बता दूं कि जरूरी प्रक्रिया चल रही है। इससे पहले मैं निष्कर्ष को लेकर किसी तरह का कयास नहीं लगा सकता।’ (एजेंसी)

First Published: Wednesday, November 9, 2011, 14:33

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