Last Updated: Tuesday, June 25, 2013, 19:17
नई दिल्ली : केंद्र ने नगालैंड सरकार से कहा है कि वह एनएससीएन-आईएम को आम लोगों से ‘कर’ वसूली करने से रोके। केंद्र ने कहा कि उग्रवादी समूह के ऐसे कामों से उत्पादों की कीमतें चढ रही हैं और इसे जारी नहीं रखने दिया जा सकता।
नगालैंड के मुख्य सचिव एटी जमीर को भेजे एक कडे पत्र में गृह मंत्रालय ने कहा कि एनएससीएन-आईएम के इस ऐलान से गंभीर हालात पैदा हो गए हैं कि ‘नगालीम’ में रह रहे हर नगा और अन्य लोगों को कर देना होगा।
एनएससीएन-आईएम ने कराधान की प्रणाली को जायज बताया है। उसका कहना है कि वह एकमात्र ऐसा संगठन है, जिसे नगाओं ने नगा राजनीतिक मुद्दे के समाधान के लिए केन्द्र सरकार से राजनीतिक वार्ता के लिए अधिकृत किया है। गृह मंत्रालय के निदेशक (पूर्वोत्तर) जेपीएन सिंह ने अपने पत्र में कहा कि एनएससीएन-आईएम मौजूदा नियम कानून का उल्लंघन कर रही है। यही समय है कि केंद्र सरकार अपनी जिम्मेदारी गंभीरता से निभाए और इस मुद्दे पर ध्यान दे। जनता पर कीमतें बढने के असहनीय दबाव को जारी नहीं रहने दिया जा सकता।
एनएससीएन-आईएम का 1997 में केन्द्र के साथ युद्धविराम समझौता हुआ था। अब तक एनएससीएन-आईएम नेताओं और केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों के बीच 60 दौर की वार्ता हो चुकी है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, June 25, 2013, 19:17