Last Updated: Tuesday, November 15, 2011, 14:51

इंदौर : मध्यप्रदेश में एस्मा लगाए जाने के बावजूद करीब 1,100 जूनियर डॉक्टर टस से मस होने को तैयार नहीं हैं। वे अपना मानदेय बढ़ाने समेत अलग-अलग मांगों के साथ मंगलवार लगातार दूसरे दिन बेमियादी हड़ताल पर कायम हैं। इससे प्रदेश में स्वास्थ्य और चिकित्सा सेवाओं पर बुरा असर पड़ रहा है। जूनियर डॉक्टरों ने प्रदेश सरकार के उस कदम को अवैधानिक बताया है, जिसके तहत हड़तालियों के खिलाफ एस्मा का इस्तेमाल किया गया है।
सेंट्रल जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन (सीजेडीए) के एक पदाधिकारी ने को बताया, प्रदेश के इंदौर ग्वालियर और जबलपुर के सरकारी मेडिकल महाविद्यालयों से सम्बद्ध अस्पतालों के जूनियर डाक्टरों ने सोमवार से बेमियादी हड़ताल शुरू कर दी थी। मंगलवार से इस हड़ताल में भोपाल और रीवा के सरकारी अस्पतालों के जूनियर डॉक्टर भी शामिल हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि जूनियर डॉक्टरों के खिलाफ आवश्यक सेवा रख-रखाव अधिनियम (एस्मा) का इस्तेमाल सरासर गैरकानूनी है, क्योंकि वे मेडिकल विद्यार्थी होने के नाते मानदेय पर काम करते हैं और प्रदेश सरकार के नियमित कर्मचारी नहीं हैं। जूनियर डॉक्टरों के राज्यस्तरीय संगठन के पदाधिकारी ने कहा कि प्रदेश सरकार के कथित तानाशाहीपूर्ण रवैये के खिलाफ करीब 1,100 जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर बने हुए हैं।
इस बीच, पुलिस सूत्रों ने बताया कि जूनियर डॉक्टरों के इंदौर स्थित संगठन के पदाधिकारी अफसर खान को मंगलवार को गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया कि खान इस संगठन के पांच पदाधिकारियों में शामिल है, जिनके खिलाफ सोमवार को एस्मा के उल्लंघन का मामला दर्ज कराया गया। मामले में बाकी चार आरोपियों की तलाश जारी है।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, November 15, 2011, 20:21