Last Updated: Friday, September 9, 2011, 11:25
नई दिल्ली. शान की खातिर हत्या करने के पांच आरोपियों को तीस हजारी अदालत ने मौत की सजा सुनाई है. ये सभी एक ही परिवार के सदस्य हैं. शिया समुदाय से संबंधित आरोपियों के परिवार की लड़की ने सुन्नी समुदाय से ताल्लुक रखने वाले एक युवक से शादी कर ली थी. इससे नाराज होकर लड़के के भाई की हत्या कर दी गई. अदालत ने इस मामले को ऑनर किलिंग माना.
फैसले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए अदालत ने कहा, ‘हमारी राय में ऑनर किलिंग के जो भी कारण रहे हों, वे दुर्लभ से दुर्लभतम श्रेणी में रखते हुए मौत की सजा पाने के हकदार हैं.’
गौरतलब है कि सात जुलाई 2008 को सादिक के भाई तारिक की हत्या कर दी गई थी. घटना में तैय्यब नामक शख्स गंभीर रूप से घायल हुआ था.न्यायाधीश ने कहा, अभियोजन पक्ष ने यह साबित कर दिया है कि रूबिना ने अपने परिवार की इच्छा के विरुद्ध सादिक से प्रेम विवाह किया था और इससे लड़की के घरवाले लड़के के परिवार से खफा थे.
इस सिलसिले में तीस हजारी की एडिशनल सेशन जज बिमला कुमारी ने बल्लीमारन निवासी मो. सलीम, शाहीन अब्बास, साजिद वसीम, शाहीन जरगम अली और शब्बीर कासिम को आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 307 (हत्या के प्रयास) और 34 का दोषी ठहराते हुए उसे मौत की सजा सुनाई.
अदालत ने प्रत्येक पर 25-25 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया है. जज ने सभी को सजा सुनाते हुए कहा, ऑनर किलिंग को दुर्लभ से दुर्लभतम की श्रेणी में ठहराए जाने के चलते मेरे पास सभी आरोपियों को मौत की सजा दिए जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है.
First Published: Friday, September 9, 2011, 16:55