करबी आंगलोंग हाथियों के लिए बनेगा नया रास्ता

करबी आंगलोंग हाथियों के लिए बनेगा नया रास्ता

गुवाहाटी : असम के करबी आंगलोंग जिले में हाथियों के गलियारे के समीप रह रहे ग्रामीण अब दूसरी जगह बसेंगे ताकि गजराजों के लिए निर्बाध रास्ता मिले।

असम के करबी आंगलोंग जिले में राम तेरांग गांव हाथियों के मुख्य गलियारे के बीचो बीच पड़ता है। यहां से कई जानवरों के झुंड कालापहाड़, दोइगुरंग नांबोर वन्यजीव अभ्यारण्य और काजीरंगा नेशनल पार्क आते जाते हैं। यहां अक्सर हाथी उत्पात मचाते हैं और लोगों के घर तोड़ देते हैं या फसलें नष्ट कर देते हैं। कहा जाता है कि इस बर्बादी का मुख्य कारण हाथियों के मुख्य गलियारे के बीचो बीच गांव का होना है।

वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया के डॉ. भास्कर चौधरी ने बताया, ‘काजीरंगा करबी क्षेत्र में करीब 1,800 हाथी हैं और यह संख्या भारत में गजराजों की कुल संख्या का 8 फीसदी है। अगर इस गलियारे को सुरक्षित कर दिया जाए तो यह न केवल हाथियों के लिए एक अनुकूल रास्ता बन जाएगा बल्कि स्थानीय लोग भी नुकसान से बचेंगे और उनके लिए राहत की बात होगी।’ करीब तीन साल पहले गांववालों को समझाना शुरू किया गया कि वह अन्यत्र बस जाएं। लेकिन काम आसान नहीं था।

डब्ल्यूटीआई के सहायक प्रबंधक दिलीप देवरी ने बताया, ‘शुरू में ग्रामीण यहां से हटने के लिए बिल्कुल तैयार नहीं थे क्योंकि इस जगह से उनकी आजीविका जुड़ी है। लेकिन धीरे-धीरे उन्हें समस्या समझ में आई और वह अन्यत्र बसने के लिए तैयार हो गए।’ उन्होंने बताया कि ग्रामीणों को गलियारे से अन्यत्र बसाना ही एकमात्र लक्ष्य नहीं था। जंगल पर उनकी निर्भरता भी कम करनी थी। ‘इसलिए हमने आसपास से कृषि भूमि खरीद कर ग्रामीणों को वितरित करने का फैसला किया।’ 19 परिवार अन्यत्र बसाए जा चुके हैं और उन्हें खेती के लिए जमीन दी जाएगी ताकि वह गलियारे में उपलब्ध संसाधनों पर अपनी निर्भरता कम कर सकें। (एजेंसी)

First Published: Friday, August 16, 2013, 14:50

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