Last Updated: Monday, September 10, 2012, 17:57
नयी दिल्ली : कर्नाटक सरकार ने आज सुप्रीम कोर्ट में इस बात पर सहमति व्यक्त की कि वह सद्भावना के नाते 20 सितंबर तक तमिलनाडु को कावेरी नदी से दस हजार क्यूसेक पानी मुहैया करायेगी। न्यायमूर्ति डी के जैन और न्यायमूर्ति मदन लोकूर की खंडपीठ ने कर्नाटक सरकार की इस सहमति के मद्देनजर तमिलनाडु सरकार की अर्जी पर कोई आदेश देने से इंकार कर दिया। न्यायाधीशों ने तमिलनाडु सरकार की अर्जी का निबटारा करते हुए आशा व्यक्त की कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाला कावेरी नदी प्राधिकरण इस जल विवाद का सर्वमान्य समाधान ढूंढ़ लेगा। तमिलनाडु सरकार चाहती थी कि न्यायालय फसलों की सिंचाई के लिए दो टीएमसी जल मुहैया कराने का कर्नाटक को निर्देश दे।
न्यायाधीशों ने कहा कि यदि तमिलनाडु सरकार की अर्जी लंबित रखी गयी तो हो सकता है कि प्राधिकरण इस विवाद का सर्वमान्य हल न खोजे और अंतत: यह मामला उसी पर फैसले के लिए छोड़ दे।
न्यायालय ने कावेरी नदी प्राधिकरण की बैठक नहीं होने की स्थिति में राज्य सरकारों को उचित कठम उठाने की छूट दी है।
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाले कावेरी नदी प्राधिकरण के सदस्यों में कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी के मुख्यमंत्री शामिल है।
न्यायालय ने प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाले इस प्राधिकरण की बैठक आयोजित नहीं करने पर प्रधानमंत्री कार्यालय की खिंचाई भी की थी। यही नहीं, इस मामले की सुनवाई के दौरान केन्द्र सरकार के वकीलों की अनुपस्थिति पर भी न्यायालय ने नाराजगी व्यक्त की थी। (एजेंसी)
First Published: Monday, September 10, 2012, 17:57