Last Updated: Saturday, May 12, 2012, 18:34
ज़ी न्यूज ब्यूरो/एजेंसीबेंगलुरु: कर्नाटक में सत्तारुढ़ भाजपा में बढ़ते गुटीय कलह के तहत पार्टी के प्रभावशाली नेता व पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने भाजपा से इस्तीफा दे दिया है। सूत्रों का कहना है कि येदियुरप्पा ने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया है। हालांकि भाजपा आलाकमान न येदियुरप्पा के इस्तीफे की अभी पुष्टि नहीं की है। रविवार को मुख्यमंत्री सदानंद गौड़ा पार्टी आलाकमान से मिलने दिल्ली पहुंच रहे हैं। इस बीच खबर यह भी है कि येदियुरप्पा समर्थक नौ मंत्रियों ने भी इस्तीफे दिए हैं। 15 विधायकों ने भी राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की मांग करते हुए अपने इस्तीफे देने को तैयार हैं। इससे प्रदेश इकाई में एक बार फिर से संकट पैदा हो गया है।
येदियुरप्पा खेमे के सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी से कुछ मंत्रियों के पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने की शिकायत की थी जिसके बाद वे अपनी मांग पर दबाव डाल रहे हैं। अब इन समर्थकों ने मंत्रिमंडल से बाहर आने का फैसला किया है। सूत्रों ने बताया कि मंत्रियों - शोभा करंदलजे, बासवराज बोम्मई, उमेश कट्टी, सी एम उदासी, वी सोमन्ना, एम पी रेणुकाचार्य और मुरूगेश निरानी ने शनिवार शाम येदियुरप्पा को अपने अपने इस्तीफे सौंप दिए।
इन मंत्रियों में एक ने कहा, ‘हमारे नेता हमारे इस्तीफे पर फैसला करने के लिए स्वतंत्र हैं। चूंकि हम पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया गया है, जबकि हमने ऐसा कुछ किया नहीं है, ऐसे में हमने इस्तीफा देना पसंद किया।’ सूत्रों ने बताया कि कम से कम छह विधायकों ने भी विधानसभा की सदस्यता से अपने इस्तीफे येदियुरप्पा को सौंप दिए। उनके मुताबिक येदियुरप्पा के निवास पर एक बैठक में उन्हें त्यागपत्र सौंपे गए।
उच्चतम न्यायालय ने अवैध खनन के सिलसिले में कल येदियुरप्पा के खिलाफ सीबीआई जांच का आदेश दिया था जिसके एक दिन बाद आज वह अपने समर्थकों के साथ विचार विमर्श कर रहे हैं। हालांकि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेता सतीश ने आज येदियुरप्पा से भेंट की थी और उन्हें शांत करने तथा जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाने के लिए उन्हें समझाया, लेकिन उसका प्रयास भी विफल रहा।
कुछ मंत्रियों समेत करीब 38 विधायकों ने पहले ही गौड़ा को पत्र भेजकर प्रदेश में पार्टी के मामलों तथा आलाकमान से की गयी उनकी शिकायत के बारे में चर्चा कराने के लिए विधायक दल की आपात बैठक बुलाने की मांग की है लेकिन मुख्यमंत्री ने इस मांग को ठुकरा दिया। गौड़ा ने कहा कि उनके और गडकरी के बीच पत्राचार पर चर्चा के लिए विधायक दल की बैठक की कोई आवश्यकता नहीं है।
उल्लेखनीय है कि 24 मार्च को गौड़ा और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के. एस. ईश्वरप्पा ने एक पत्र भेजकर येदियुरप्पा के समर्थक कुछ मंत्रियों पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया था और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। कनार्टक उच्च न्यायालय ने येदियुरप्पा के खिलाफ अवैध खनन मामला तथा उन पर मुकदमा चलाने की राज्यपाल हंसराज भारद्वाज की मंजूरी को खारिज कर दिया था जिसके बाद फरवरी से उन्होंने मुख्यमंत्री पद फिर से हासिल करने का अभियान तेज कर दिया था। लेकिन आलाकमान उनकी मांगों को तवज्जो नहीं दे रहा है और उनसे भ्रष्टाचार के मामलों में पाक साफ होकर बाहर आने को कह रहा है। ऐसे में अब येदुरप्पा ने अब अपना ध्यान गौड़ा को हटाने पर केंद्रित कर दिया है।
First Published: Monday, May 14, 2012, 11:10