Last Updated: Wednesday, November 21, 2012, 12:49
मुंबई : अजमल कसाब को फांसी पर लटकाए जाने पर संतोष प्रकट करते हुए एकनाथ ओंबले ने बुधवार को कहा कि उसे खुले आम फांसी पर लटकाया जाना चाहिए था। एकनाथ ओंबले सहायक पुलिस उप निरीक्षक तुकाराम ओंबले के भाई हैं, जिन्होंने आतंकवादी को पकड़ने की कोशिश में अपनी जान गंवा दी।
तुकाराम ओंबले की 26 नवंबर 2008 की रात को कसाब को पकड़ने की कोशिश में मौत हो गई थी। कसाब को फांसी दिए जाने से खुश दिखाई दे रहे एकनाथ ने कहा कि मैं गौरवान्वित और खुश हूं कि मेरे भाई के प्रयास काम आए। उन्होंने कहा कि हम बहुत खुश और संतुष्ट हैं। अजमल कसाब को खुलेआम फांसी पर लटकाया जाना चाहिए था, लेकिन मैं जानता हूं कि कानून इसकी इजाजत नहीं देता।
एकनाथ ने कहा कि गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने अपना वादा निभाया कि वह ऐसा फैसला करेंगे, जिससे भारतीयों को संतोष होगा। उन्होंने इसके लिए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को भी धन्यवाद दिया।
निहत्थे तुकाराम ओंबले को दक्षिण मुंबई में गिरगाम चौपाटी पर एके-47 से लैस कसाब ने गोली मार दी थी, लेकिन तुकाराम के प्रयासों से कसाब को जीवित गिरफ्तार किया जा सका। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, November 21, 2012, 12:49