Last Updated: Friday, October 12, 2012, 14:41

मुंबई: जनता के दबाव और अदालत की आलोचना के आगे झुकते हुए महाराष्ट्र सरकार ने आज बंबई उच्च न्यायालय को सूचित किया कि उसने कार्टूनिस्ट असीम त्रिवेदी के खिलाफ देशद्रोह का आरोप वापस लेने का निर्णय किया है । त्रिवेदी पर राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान करने का आरोप है।
महाधिवक्ता डैरियस खंबाता ने अदालत को बताया, ‘मामले पर गौर करने से देखा जा सकता है कि भादंसं की धारा 124 (ए) के तहत देशद्रोह का कोई मामला नहीं बनता । इसलिए सरकार ने राष्ट्रीय प्रतीकों के कथित अपमान के मामले में त्रिवेदी के खिलाफ यह आरोप नहीं लगाने का निर्णय किया है ।’
मुख्य न्यायाधीश मोहित शाह और न्यायमूर्ति एन. एम. जामदार की खंडपीठ वकील संस्कार मराठे की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी । मराठे ने कार्टून बनाने के लिए त्रिवेदी की गिरफ्तारी के खिलाफ जनहित याचिका दायर की थी। कार्टून से कथित तौर पर राष्ट्रीय प्रतीक एवं संसद का अपमान हुआ था ।
अदालत पहले ही त्रिवेदी को जमानत दे चुकी है। त्रिवेदी को जमानत पर रिहा करने का आदेश देते समय अदालत ने ‘निर्थक आधार’ एवं ‘‘बिना सोच विचार के ही’’ कार्टूनिस्ट की गिरफ्तारी के लिए पुलिस को लताड़ लगाई थी । अदालत ने कहा था कि पुलिस की कार्रवाई से राजनीतिक कार्टूनिस्ट के वाक् एवं स्वतंत्रता की अभिव्यक्ति का ‘उल्लंघन’ हुआ ।
बहरहाल खंबाता ने अदालत को बताया कि त्रिवेदी ने जो सात कार्टून बनाए थे उनमें से तीन को राज्य ने उल्लंघन माना।
खंबाता ने कहा, ‘हम अब भी तीन कार्टूनों को राष्ट्रीय गौरव अधिनियम एवं सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम का उल्लंघन मानते हैं । इनमें उनके खिलाफ कार्यवाही जारी रहेगी ।’ (एजेंसी)
First Published: Friday, October 12, 2012, 12:32