Last Updated: Friday, November 25, 2011, 16:14
नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस ने आज सुप्रीम कोर्ट को बताया कि बाबा रामदेव और उनके समर्थकों पर उनके भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के दौरान रामलीला मैदान पर आधी रात को हुई कार्रवाई योगगुरु के आयोजन के ‘पूरी तरह गड़बड़ा जाने’ का नतीजा थी। पुलिस ने कहा कि कार्रवाई के लिए योगगुरु को ही ‘जिम्मेदारी’ लेनी चाहिए।
दिल्ली पुलिस ने आयोजन स्थल पर कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने में गृह मंत्री पी. चिदंबरम की भूमिका को भी जायज ठहराते हुए कहा कि उनके बारे में यह नहीं कहा जा सकता कि वह ‘दुर्भावना’ रखते थे क्योंकि क्षमता से अधिक भीड़ जुट जाने से वह निश्चित तौर पर ‘चिंतित’ थे और उनकी कार्रवाई ‘संवैधानिक तौर पर स्वीकार्य’ है।
पुलिस ने कहा, ‘अगर आपके पास रामलीला मैदान पर 50,000 की क्षमता है और संख्या एक लाख तक पहुंच जाए तो गृह मंत्री चिंतित होंगे ही और केंद्र सरकार से व्यवस्था बनाए रखने की अपेक्षा की जाएगी।’ दिल्ली पुलिस के वकील तथा वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने न्यायमूर्ति बी.एस. चौहान और न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की पीठ के समक्ष सवाल किया, ‘अगर दिल्ली पुलिस के आयुक्त गृह मंत्री तथा गृह सचिव से संपर्क में थे तो क्या यह बात बदनीयत भरी हो जाती है।’
उन्होंने कहा कि आयोजकों ने इस बारे में सही जानकारी नहीं दी कि आखिर किस तरह स्थिति अराजक हो गई। वरिष्ठ अधिवक्ता ने रामदेव और उनके समर्थकों को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा, ‘जो कुछ हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण तथा अप्रिय था लेकिन इसके लिए कौन जिम्मेदार है।’
(एजेंसी)
First Published: Saturday, November 26, 2011, 08:39