Last Updated: Wednesday, February 20, 2013, 22:07

चेन्नई/बेंगलूर : केन्द्र सरकार ने आज छह साल का इंतजार खत्म करते हुए कावेरी जल विवाद निबटारा पंचाट के अंतिम फैसले को अधिसूचित कर दिया जिसके बाद तमिलनाडु में जश्न मना जबकि कर्नाटक में विरोध प्रदर्शन हुआ। चौबीस फरवरी को 65 साल की हो रहीं तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता खुशी जताते हुए कहा कि यह मेरे जीवन का अब तक का सर्वश्रेष्ठ जन्मदिन है।
लेकिन कर्नाटक के उनके समकक्ष जगदीश शेट्टार ने केन्द्र से अनुरोध किया कि उच्चतम न्यायालय में राज्य द्वारा दायर अपील के निबटारे तक कावेरी प्रबंधन बोर्ड का गठन नहीं किया जाए।
इस अधिसूचना को उनके, उनकी सरकार और खासकर डेल्टा के किसानों के लिए महान जीत करार देते हुए जयललिता ने कहा कि चूंकि अंतिम फैसला अधिसूचित हो गया है, कर्नाटक के लिए अब जल छोड़ना बाध्यकारी हो जाता है। अन्नाद्रमुक प्रमुख ने कहा कि अब कर्नाटक पंचाट के आदेश का पालन करने से इंकार नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु इन वषरें में सच में कर्नाटक की दया पर निर्भर था।
जयललिता ने कहा कि 22 साल के लंबे संघर्ष के बाद यह अधिसूचना आई है। उन्होंने आशा जताई कि तमिलनाडु को अपने हिस्से का जल मिलेगा और जब कभी कठिनाई आएगी, हम अंतिम फैसले में दिये गये निर्देशों का पालन करेंगे। डेल्टा क्षेत्र के किसानों ने पटाखे चलाकर अधिसूचना का स्वागत किया। द्रमुक प्रुमख एम करूणानिधि और अन्य नेताओं ने भी केन्द्र के कदम की प्रशंसा की।
हालांकि अधिसूचना के कारण कर्नाटक में विरोध प्रदर्शन हुए और कन्नड़ संगठन कर्नाटक रक्षण वेदिके के सदस्यों ने मैसूर, मांड्या और बेंगलूर में प्रदर्शन किया।शेट्टार ने कहा कि ऐसा कोई कानून नहीं है जो यह कहे कि बोर्ड का गठन होना है। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित बोर्ड को मंजूरी का विषय संसद के सामने आना है और इस पर विचार विमर्श होना है। कानून के तहत, संशोधन की जगह है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, February 20, 2013, 22:02