Last Updated: Friday, April 20, 2012, 13:15
चेन्नई : तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) अधिनियम, 1968 में प्रस्तावित संशोधन का खुलकर विरोध किया है। जयललिता ने मांग की है कि केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम द्वारा पांच मई को बुलाई गई मुख्यमंत्रियों की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की जानी चाहिए।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को गुरुवार को लिखे एक पत्र में जयललिता ने कहा है कि बीएसएफ अधिनियम में प्रस्तावित संशोधनों के प्रावधान, राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक केंद्र (एनसीटीसी) में एक ऑपरेशन डिविजन स्थापित करने के पीछे के लक्ष्यों जैसे ही लक्ष्यों से प्रेरित एक तंत्र में घुसपैठ करने की आकांक्षा की उड़ान है। यह संशोधन बीएसएफ को देश के किसी भी हिस्से में तलाशी लेने और किसी को भी गिरफ्तार करने का अधिकार देने का प्रस्ताव करता है।
आंतरिक सुरक्षा पर नई दिल्ली में हाल में हुई मुख्यमंत्रियों की बैठक में बीएसएफ अधिनियम संशोधन को पूरक एजेंडे के रूप में शामिल किए जाने पर नाराज जयललिता ने कहा कि राज्यसभा के सदस्यों ने 29मार्च, 2012 को अनुरोध किया था कि इस मुद्दे पर मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में चर्चा की जानी चाहिए। जयललिता ने कहा है कि राज्यसभा सदस्यों के अनुरोध के दो सप्ताह से भी अधिक समय बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा इसे एक पूरक एजेंडे के विषय के रूप में प्रस्तावित किए जाने पर मैं चकित हूं।
जयललिता ने कहा है कि यह मुद्दा पूरक एजेंडे की टिप्पणी में शामिल था, जो हमारे पास सम्मेलन के दिन पहुंचा। इस कारण से सम्मेलन में मैंने जो विचार रखे, उसमें इस मामले पर मेरे राज्य की प्रतिक्रिया शामिल नहीं हो सकी।
(एजेंसी)
First Published: Friday, April 20, 2012, 18:45