Last Updated: Sunday, July 21, 2013, 16:17

देहरादून : पिछले महीने आई आपदा से रूद्रप्रयाग जिले में स्थित प्रसिद्ध केदारनाथ मंदिर की सफाई और मलबे में फंसी लाशों को निकालने के लिये एक रोडमैप तैयार कर लिया गया है। इसके लिये इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स (इंडिया) लिमिटेड (ईपीआईएल) की सेवायें ली जायेंगी।
यहां जारी एक सरकारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, इस सिलसिले में कल ईपीआईएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक एसपीएस बक्शी ने राज्य के मुख्य सचिव सुभाष कुमार से मुलाकात की।
कुमार ने वन एवं ग्राम्य विकास आयुक्त बी पी पांडे, पुलिस महानिदेशक सत्यव्रत बंसल, प्रमुख सचिव राकेश शर्मा, प्रमुख सचिव एसएस संधु, सचिव ग्राम्य विकास विनोद फोनिया, सचिव पर्यटन उमाकांत पंवार, सचिव मुख्यमंत्री एसएस रावत, भूगर्भ विशेषज्ञों तथा वायु सेना के साथ बैठक कर आपदा से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए केदारनाथ मंदिर, रामबाड़ा, गौरीकुंड आदि आपदा प्रभावित क्षेत्रों से मलबा हटाने और शवों को निकालने का खाका तैयार किया।
कुमार ने बताया कि भारत सरकार के मिनी रत्न उद्यम ईपीआईएल को इस कार्य में महारत हासिल है और इनके पास 500 समर्पित विशेषज्ञों की टीम है। उन्होंने बताया कि भारतीय भूगर्भ सर्वेक्षण (जीएसआई) और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की टीमों को भी इस अभियान में लगाया जा रहा है।
मुख्य सचिव ने कहा कि बड़े-बड़े बोल्डरों और भारी मात्रा में आये मलबे को हटाने के साथ ही खंडहर हो चुके 48 भवनों को भी गिराना है। इसके साथ ही दबे हुए शवों को भी सावधानी से निकाल कर सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार करना है और इन कार्यों के लिये तकनीकी रूप से दक्ष लोगों की सेवायें ली जा रही हैं।
राज्य सरकार के प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी भी मौके पर मौजूद रह कर सहयोग करेंगे। उन्होंने बताया कि भारी मशीनों को कलपुर्जे अलग कर एमआई-26 हेलीकॉप्टर के जरिये केदारनाथ परिसर में उतारा जायेगा। उसके बाद मशीनों के कलपुजोर्ं को जोड़कर मलबा हटाने के कार्य में लगाया जायेगा।
ईआईपीएल के सीएमडी बक्शी ने कहा कि चेन से चलने वाली 15 पोवलाइन, 15 डंपर और ट्रक, रॉक ब्रेकर और अन्य मशीनें दिल्ली से सड़क मार्ग से रवाना हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि जल्दी ही ईपीआईएल के विशेषज्ञों की टीम एएसआई और जीएसआई के दल के साथ कार्यस्थल पर पहुंच कर रेकी करेगी। कार्य शुरू करने से पहले जगह की सोनोग्राफी की जायेगी। उन्होंने राज्य सरकार को भरोसा दिलाया कि यह कार्य वैज्ञानिक तरीके से किया जायेगा। राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों कीनिगरानी में कार्य किया जायेगा। (एजेंसी)
First Published: Sunday, July 21, 2013, 16:17