Last Updated: Tuesday, July 10, 2012, 18:33

ज़ी न्यूज ब्यूरो
मुंबई: महाराष्ट्र में कन्या भ्रूण हत्या के बढ़ते मामलों से सरकार गंभीर है। इस मामले पर राज्य सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। महाराष्ट्र सरकार चाहती है कि कन्या भ्रूण हत्या करने वालों को सजा-ए-मौत मिलनी चाहिए। सजा के प्रावधान पर महाराष्ट्र सरकार ने केन्द्र से राय मांगी है। इस बाबत केंद्र सरकार के पास प्रस्ताव भेजा गया है।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री सुरेश शेट्टी ने विधानसभा में बताया कि भ्रूण हत्या के दोषी लोगों पर आईपीएस की धारा 320 लगाने के सुझाव को केन्द्र के पास भेजा गया है। अगर सरकार इस सुझाव पर सहमत हो गई तो अवैध रूप से कन्या भ्रूण हत्या करने वाले डॉक्टरों और ऐसा करने के लिए महिला को मजबूर करने वाले रिश्तेदारों पर हत्या का केस चलेगा।
पिछले कुछ महीनों में राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने हजारों सोनोग्राफी सेंटरों पर छापे मारे थे। मौजूदा कानून के तहत लिंग परीक्षण पर पाबंदी लगा दी गई है लेकिन भ्रूण परीक्षण पर अबतक लगाम नहीं लगाई जा सकी है।
मौजूदा कानून में लिंग परीक्षण करने वाले डॉक्टर और रेडियोलोजिस्ट को 5 साल की कैद और पचास हजार रूपए जुर्माने की सजा का प्रावधान है। यह कानून 14 फरवरी 2003 से लागू किया गया था। महाराष्ट्र में लड़कों और लड़कियों के लिंग अनुपात में भारी अंतर है। महाराष्ट्र में 1000 लड़कों पर सिर्फ 801 लड़कियां है।
कन्या भ्रूण हत्या के बढ़ते मामलों और खासतौर पर बीड जिले में ऐसी घटनाओं में तेजी आने से प्रगतिशील प्रदेश होने की महाराष्ट्र की छवि को धक्का पहुंचा है और कांग्रेस-राकांपा सरकार को कार्रवाई के लिए नए सिरे से सोचने पर मजबूर होना पड़ा है।
First Published: Tuesday, July 10, 2012, 18:33