कोलगेट : डीएमके मंत्री पर दाग, यूपीए फिर मुसीबत में

कोलगेट : डीएमके मंत्री पर दाग, यूपीए फिर मुसीबत में

कोलगेट : डीएमके मंत्री पर दाग, यूपीए फिर मुसीबत मेंज़ी न्यूज ब्यूरो
चेन्नई : द्रविड़ मुन्नेत्र कड्गम (डीएमके) ने एक बार फिर से केंद्र की यूपीए सरकार को मुसीबत में डाल दिया है। अब कोल ब्लॉक आवंटन मामले में सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री एस. जगतरक्षकन के परिवार की भूमिका पर ध्यान केंद्रित हो गया है। वर्ष 2007 में जगतरक्षकन की कंपनी को एक कोल ब्लॉक आवंटित किया गया था जबकि उसका इस क्षेत्र में कोई अनुभव नहीं था।

जगतरक्षकन की कंपनी जेआर पॉवर जन. प्राइवेट लिमिटेड ने जब कोल ब्लॉक के लिए राज्य सरकार के स्वामित्व वाली पुडुचेरी इंडस्ट्रीयल प्रमोशन डेवलेपमेंट एंड इनवेस्टमेंट कॉरपोरशन (पीआईपीडीआईसी) के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए तब वह मात्र पांच दिन पुरानी थी। जे आर पॉवर ने 17 जनवरी, 2007 को पीआईपीडीआईसी के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए। जे आर पॉवर में जगतरक्षकन व उनके परिवार के सदस्य निदेशक थे। 25 जुलाई 2007 को पीआईपीडीआईसी और गुजरात मिनरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (जीएमडीसी) को ओडिशा के नैनी में एक कोल ब्लॉक आवंटित किया गया।

जगतरक्षकन ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि हां, हमें कोल ब्लॉक आवंटित हुआ था लेकिन यह पुडुचेरी सरकार के साथ सब कॉन्ट्रेक्ट था जिसे बाद में हमने केएसके को बेच दिया। एक अखबार के अनुसार, डीएमके ने खुद को इस विवाद से अलग कर लिया है। उसका कहना है कि जगतरक्षकन तब डीएमके के सदस्य नहीं थे। पार्टी प्रवक्ता टीकेएस इलेंगोवन ने कहा कि जब यह सौदा हुआ था तब वे हमारी पार्टी में नहीं थे। सूत्रों के अनुसार अब जेआर पॉवर अपनी 49 प्रतिशत हिस्सेदारी भी बेचना चाहती है।

जब यह सौदा हुआ तब जगतरक्षकम न ही सांसद थे और न ही डीएमके सरकार में मंत्री थे। लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने 4 जनवरी 2009 को कंपनी के निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया लेकिन उनके परिवार के सदस्य कंपनी के निदेशक मंडल में बने रहे।

First Published: Friday, September 7, 2012, 10:27

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