Last Updated: Monday, December 24, 2012, 19:28
गाजियाबाद : नोएडा के बहुचर्चित निठारी नरकंकाल कांड में एक और हत्याकांड में सीबीआई की विशेष अदालत ने सुरेंद्र कोली को फांसी की सजा और पांच हजार के जुर्माने की सजा सुनाई है। कोली को सीबीआई की विशेष अदालत ने अन्य चार मामलों में फांसी की सजा सुनाई हुई है।
विशेष न्यायाधीश एसलाल ने सोमवार को सुरेन्द्र कोली को पांच वर्षीय बच्ची के बलात्कार ओर हत्या के जुर्म में मौत की सजा सुनाई।
सीबीआई के अधिवक्ता जेपी शर्मा के अनुसार कि पांच वर्षीय सविता (काल्पनिक नाम) अपहरण कर लिया गया। उसका आज तक पता नहीं चल सका है। अदालत ने उसके अपहरण, दुष्कर्म की चेष्टा, हत्या तथा साक्ष्य छिपाने की धाराओं में सुरेंद्र कोली के खिलाफ मुकदमा चला था।
सीबीआई के अधिवक्ता ने बताया कि पांच वर्षीय सविता (काल्पनिक नाम) अपने पिता के साथ चार जून वर्ष 2005 को कोठी संख्या डी पांच के पास खेल रही थी। मासूम का पिता सफाई कर्मी है और उस समय वह वहां पर सफाई कार्य कर रहा था। इस दौरान कुछ सामान रखने के लिए गया और वापस आया तो सविता नदारद थी।
दो दिन तक उसकी खोज के बाद भी जब कुछ पता नहीं चला तो सात जून को थाने में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई। पुलिस ने 29 दिसंबर, 2006 को मोनिन्दर सिंह पंढेर और सुरेन्द्र कोली को गिरफ्तार किया था। इनकी गिरफ्तारी के बाद जब कोठी की जांच की थी तो सविता के पिता ने वहां मिली चप्पलों को पहचान लिया था। चप्पलें सविता की थीं। नाले से एक बच्ची की खोपड़ी भी मिली थी,जिसके सुपर स्कल इनपोजिशन टेस्ट से यह पता चला था कि वह सविता की ही है। इस मामले में पंढेर अभियुक्त नहीं था।
केन्द्रीय जांच ब्यूरो ने इस सिलसिले में कुछ 19 मामले दर्ज किए थे और उसने 16 मामलों में आरोप पत्र दाखिल किया था। (एजेंसी)
First Published: Monday, December 24, 2012, 19:28