Last Updated: Sunday, July 14, 2013, 14:10
नई दिल्ली : उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी ने राज्य के आपदा प्रभावित जिलों के स्थानीय निवासियों को खाद्यान्न आपूर्ति पर जोर देते हुए कहा है कि खाद्य सुरक्षा विधेयक लागू करने की सबसे अधिक आवश्यकता आज उत्तराखंड में है।
खंडूड़ी ने कहा, राज्य के आपदा प्रभावित जिलों में अभी भी खाद्यान्न आपूर्ति की समस्या बनी हुई है। राशन की दुकानों पर सस्ता अनाज और मिट्टी का तेल नहीं मिल पा रहा है। लोगों को महंगे दाम पर यह खरीदना पड़ रहा है। दो बार राज्य के मुख्यमंत्री रहे खंडूड़ी का कहना है कि देश में खाद्य सुरक्षा कानून लागू करने की बात हो रही है। इसके लिये अध्यादेश को मंजूरी दी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा कानून को आज उत्तराखंड में लागू करने की सबसे बड़ी आवश्यकता है, ताकि संकट से घिरे स्थानीय निवासियों को खाद्यान्न सुरक्षा दी जा सके।
उत्तराखंड के तीन जिलों चमोली, रद्रप्रयाग और उत्तरकाशी में पिछले महीने लगातार भारी बारिश और उसके बाद आई बाढ़ एवं भूस्खलन से जान माल का भारी नुकसान हुआ। केदारनाथ घाटी में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। कई लोग अभी तक लापता हैं। अभी भी राज्य में रह रहकर बारिश हो रही है और बादल फटने की घटनायें हो रही हैं।
खंडूड़ी ने कहा, राज्य सरकार दावा कर रही है कि आपदा में फंसे गांवों के निवासियों को सस्ता अनाज उपलब्ध कराया जा रहा है, लेकिन स्थिति ऐसी नहीं है। पिथौरागढ़ में भी स्थानीय निवासियों को सस्ता अनाज उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि रद्रप्रयाग में समस्या ज्यादा है। राष्ट्रीय राजमार्ग अभी जोशीमठ तक ही खुला है। नारायण बगड और थराली तक सड़क संपर्क नहीं खुल पाया है। इन इलाकों में हेलिकाप्टर अथवा परिवहन के दूसरे साधनों के जरिये खाद्यान्न पहुंचाये जाने की आवश्यकता है।
खंडूड़ी ने कहा कि वह स्थिति का जायज़ा लेने उत्तरकाशी जायेंगे। वह पिछले तीन सप्ताह से राज्य में हैं और विभिन्न क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं। भाजपा नेता ने राज्य में बेहतर सूचना तंत्र और मजबूत सड़क संपर्क कायम किये जाने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि पहाड़ों में मौसम की जानकारी देने के वास्ते मजबूत सूचना तंत्र होना आवश्यक है। (एजेंसी)
First Published: Sunday, July 14, 2013, 14:10