Last Updated: Monday, December 19, 2011, 16:00

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि खाद्य सुरक्षा विधेयक पर उन्हें कोई एतराज नहीं पर वह यही चाहेंगे कि इसको लेकर राज्यों की अपेक्षाएं खासकर तौर पर बिहार सरकार ने जिन बिंदुओं पर अपनी राय दी है उनका ख्याल रखा जाए।
‘दूध दिवस’ के अवसर पर सुधा डेयरी के द्वारा आज यहां आयोजित कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि खाद्य सुरक्षा विधेयक के बारे में केंद्र सरकार के तरफ जो विधेयक प्रारुप भेजा गया था उसके एक-एक बिंदू पर हमने राय दे दी थी। उन्होंने कहा कि वे यही चाहेंगे कि इसको राज्यों की जो अपेक्षाएं खासकर तौर पर बिहार सरकार ने जिन बिंदुओं पर राय दी है उनका ख्याल रखा जाए। नीतीश ने कहा कि वे खाद्य सुरक्षा के पक्षधर हैं, लेकिन दो-तीन बातें हैं जिनका ख्याल रखना चाहिए। एक तो है पहचान, जिनको मिलना है स्वतंत्र आयोग से माध्यम से पहचान हो। जिसको भी देना चाहते हैं, स्वतंत्र आयोग के माध्यम से दें।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पर छोड़ देने पर आरोप लगेगा कि उनका नाम छोड दिया गया है। पहले तो एपीएल, बीपीएल था अब तो तीन वर्ग हो गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि खाद्य सुरक्षा विधेयक का वित्तीय बोझ है उसे केंद्र सरकार को वहन करना चाहिए। राज्यों की सरकार इस स्थिति में नहीं है कि इसके बोझ को सहन कर सके। ये सारी बातें उन्हें केंद्र को लिखी है।
(एजेंसी)
First Published: Monday, December 19, 2011, 21:30