गढ़चिरौली:3 दशक में नक्सली हिंसा में 400 मरे

गढ़चिरौली:3 दशक में नक्सली हिंसा में 400 मरे

गढ़चिरौली: आंध्रप्रदेश और छत्तीसगढ़ की सीमा से लगने वाला गढ़चिरौली जिला महाराष्ट्र में नक्सली गतिविधियों का केंद्र रहा है और पिछले तीन दशक के दौरान यहां माओवादी हिंसा ने 400 से अधिक लोगों की जान ली है।

पुलिस के सूत्रों ने यहां बताया कि गहरी जड़ें जमा चुके नक्सली खतरे पर नियंत्रण के कड़े उपायों के बावजूद एसआरपीएफ के 19 जवानों, सीआरपीएफ के 19 जवानों और आईटीबीपी के तीन जवानों सहित 169 पुलिस कर्मियों को नक्सलियों ने 1980 के दशक से अपने अभियान की शुरूआत के बाद तक मुठभेड़ में, बारूदी सुरंग विस्फोट में या हमले में मार डाला।
नक्सली खतरे का असर स्थानीय निकायों पर भी नजर आ रहा है। पुलिस ने बताया कि निर्वाचित सदस्यों में से अधिकतर ने अपने पद से इस्तीफे दे दिये हैं और चुनाव लड़ने के लिए लोग आगे नहीं आते।

पिछले तीन दशक में, अलग अलग नक्सली घटनाओं में कम से कम 418 नागरिकों की जान गई है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, इनमें से ज्यादातर लोगों की नक्सलियों ने क्रूरतापूर्वक हत्या की है।

नक्सली आम लोगों को पुलिस का मुखबिर होने का आरोप लगा कर मार डालते हैं। या फिर कहा जाता है कि सुरक्षा कर्मियों के लिए बारूदी सुरंग बिछाई गई और नागरिक उसके शिकार हो गए या फिर हमला किया गया लेकिन पहचानने में भूल की वजह से लोग मारे गए। वर्तमान में जिले में नक्सलियों ने अपने पांच प्लाटून दलम, दो कंपनी दलम और 12 स्थानीय ऑपरेशन दस्तों के साथ मिलकर प्रशासन को एक तरह से हिला कर रख दिया है। प्रत्येक प्लाटून दलम में 20 से 25 सदस्य होते हैं। हालांकि उनकी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए उनकी संख्या की तुलना में कई गुना अधिक पुलिस बल और अन्य सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं।

सूत्रों ने बताया कि पिछले करीब 31 साल से चल रहे इस हिंसक आंदोलन के दौरान पुलिस ने कम से कम 105 नक्सली कैडरों को मार गिराया और विभिन्न दलम के लगभग 250 कैडरों को पकड़ा है।

इसके अलावा, एरिया रक्षा दल और ग्राम रक्षा दल के कम से कम 2,640 उग्रवादियों को पूछताछ और जांच के लिए हिरासत में लिया गया है। कुछ साल पहले राज्य सरकार ने नक्सलियों के लिए आत्मसमर्पण की नीति शुरू की थी जिसके तहत करीब 365 उग्रवादियों ने अपने हथियार डाले थे।

पुलिस के रिकॉर्ड के अनुसार, करीब 30 कट्टर उग्रवादियों सहित 45 से 50 नक्सली जेलों में बंद हैं। पुलिस ने बताया कि 90 के दशक के शुरू में लाहेरी पुलिस थाने पर हमले और विभिन्न जगहों पर हत्याओं जैसी घटनाओं के लिए अदालतों ने करीब छह नक्सलियों को दोषी ठहराया है। (एजेंसी)

First Published: Friday, July 27, 2012, 12:14

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