Last Updated: Wednesday, August 24, 2011, 05:30
चंदौली (उप्र.) : वैसे तो पूरा मुल्क भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम चला रहे गांधीवादी अन्ना हजारे के समर्थन में मुखर है, लेकिन उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के एक छोटे से गांव रेमा में ‘अन्ना प्रेम’ एक अलग आयाम ले चुका है. हजारे के प्रति समर्थन का आलम यह है कि ग्रामीणों ने अपने गांव का नाम बदल कर ‘अन्ना गांव’ रखने तथा अपने नाम के आगे ‘अन्ना’ जोड़ने का फैसला किया है. गांव में अब पैदा होने वाले हर बच्चे के नाम के आगे भी ‘अन्ना’ जोड़ा जाएगा।
करीब 300 की आबादी वाले रेमा गांव के निवासी जय प्रकाश ने बताया ‘गांव के निवासी हर व्यक्ति ने अपने नाम के साथ अन्ना जोड़ने का फैसला किया है ताकि हमें हमेशा यह याद रहे कि हम सबको लालच और भ्रष्टाचार से बचना है. अब मुझे खुद को जय प्रकाश के बजाय जय प्रकाश अन्ना कहलाना अच्छा लगेगा.’ गांव के एक अन्य निवासी किशोरी लाल ने बताया ‘‘हमने गांव के प्रवेश द्वार पर लिख दिया है कि भ्रष्टाचारियों का गांव में दाखिल होना मना है और गांव में रह रहे भ्रष्टाचारियों को यहां से जाना होगा.’
रेमा गांव की हर गली, मकान और यहां तक कि झोपड़ियों पर भी हजारे के पोस्टर स्थानीय ग्रामीणों के पुरजोर समर्थन की कहानी बयां कर रहे हैं. हजारे के आंदोलन की नब्ज इस गांव की दीवारों पर चस्पा पोस्टरों में लिखी बातों और ग्रामीणों के ख्यालात से टटोली जा सकती है. साथ ही ग्रामीणों ने इस मुहिम को दूर-दराज तक भेजने का बीड़ा भी उठाया है. इसके तहत करीब 30 लोग मुगलसराय रेलवे स्टेशन से होकर गुजरने वाली विभिन्न ट्रेनों पर हजारे की तस्वीर और भ्रष्टाचार रोधी नारे छपे पोस्टर चस्पा कर रहे हैं.
नक्सल प्रभावित इस जिले के हर कोने में हजारे के समर्थक देखे जा सकते हैं. एक अन्य ग्रामीण रामसेवक ने कहा, ‘जब अन्ना हजारे के गांव रालेगन सिद्धि के लोग उन्हें अपना आदर्श मानकर अपने गांव में बदलाव ला सकते हैं, तो हम ऐसा क्यों नहीं कर सकते.’
First Published: Wednesday, August 24, 2011, 11:01