Last Updated: Friday, August 31, 2012, 23:49

नई दिल्ली: दिल्ली की स्थानीय अदालत ने हरियाणा के पूर्व मंत्री गोपाल गोयल कांडा एवं उसके भाई के चेक बाउंस मामले में वारंट की अनदेखी की जांच के लिए पुलिस को 10 दिन का वक्त दिया है। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट विक्रांत वैद्य ने पुलिस से रिपोर्ट दाखिल कर यह बताने के लिए कहा कि उसने अदालत में उपस्थिति के कई सम्मन एवं वारंट की अनदेखी करने पर कांडा के खिलाफ क्या कदम उठाए?
वर्ष 1998 के चेक बाउंस के मामले में अदालत में उपस्थित होने के कई सम्मनों की अनदेखी करने पर मई में कांडा एवं उसके भाई को फरार घोषित कर दिया गया था। यद्यपि दोनों पक्षों के बीच 27 अगस्त को सुलह हो जाने के कारण यह मामला खत्म हो गया और अदालत ने कांडा भाइयों को दोषमुक्त कर दिया।
अब अदालत ने फरार घोषित आरोपी के खिलाफ पुलिस की जांच के विषय में जानकारी मांगी है।
वैद्य ने कहा कि भगोड़ा होना (धारा 174ए) एवं चेक बाउंस होना दोनों अलग-अलग अपराध हैं और चेक बाउंस मामले में बरी होने से धारा 174ए के तहत जांच से नहीं बचा जा सकता। कांडा इन दिनों से पूर्व विमान परिचारिका गीतिका शर्मा आत्महत्या में न्यायिक हिरासत में हैं।
First Published: Friday, August 31, 2012, 23:49