Last Updated: Friday, August 17, 2012, 18:37

ज़ी न्यूज ब्यूरो/एजेंसी
नई दिल्ली : गीतिका शर्मा खुदकुशी केस में हरियाणा के पूर्व मंत्री गोपाल कांडा को शुक्रवार को तगड़ा झटका लगा है। दिल्ली हाईकोर्ट ने आज कांडा की अग्रिम जमानत की याचिका खारिज कर दी।
अदालत ने याचिका रद्द करते हुए कहा कि यह उस व्यक्ति ने दायर नही की है जो गिरफ्तारी के भय से फरार है। न्यायमूर्ति पीके भसीन ने अपने आदेश में कहा कि आरोपी ‘लगता है कि कहीं आराम से बैठा है और उसे पुलिस द्वारा अपनी गिरफ्तारी की आशंका नहीं है।’ और उचित तरीके से अधिकृत किए बगैर ही उसके भाई गोविंद कुमार ने उसकी ओर से अग्रिम जमानत की याचिका दाखिल की है।
न्यायमूर्ति भसीन ने कहा कि अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने योग्य है और यह सिर्फ इसी आधार पर खारिज होने योग्य है कि गिरफ्तारी की आशंका से फरार व्यक्ति ने इसे दाखिल नहीं किया है। अदालत ने कांडा की जमानत याचिका में कई तकनीकी और प्रक्रियागत खामियां पाईं।
इसने कहा कि न तो वकालतनामा और न ही हलफनामा आरोपी ने स्वयं दायर किया है और जिस व्यक्ति ने दस्तावेज पेश किए हैं उसे भी ऐसा करने के लिए अधिकृत नहीं किया गया है। हरियाणा के पूर्व मंत्री के खिलाफ मजिस्ट्रेट की अदालत ने कल गैर जमानती वारंट जारी किया था और उसकी सहयोगी तथा सह आरोपी अरूणा चड्ढा को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
उच्च न्यायालय में 14 अगस्त को गोपाल कांडा की अग्रिम जमानत याचिका का विरोध करते हुए अतिरिक्त सोलीसीटर जनरल सिद्धार्थ लूथरा ने कहा था कि गायब कंप्यूटरों और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेजों के बारे में उससे पुलिस की पूछताछ की जरूरत है।
लूथरा ने यह भी कहा था कि फरार आरोपी अग्रिम जमानत का हकदार नहीं है क्योंकि ‘समाज, मृतक की आत्मा और पीड़िता के परिवार को एक जवाब देना है।’ उन्होंने कहा था कि कांडा, सह आरोपी अरूणा चड्ढा और पीड़िता के खिलाफ जांच में कंप्यूटर महत्वपूर्ण कड़ी साबित हो सकता है। ये कंप्यू टर एमडीएलआर समूह के गुड़गांव कार्यालय से गायब हैं। उन्होंने कहा कि कांडा को हिरासत में लेकर पूछताछ करना जरूरी है।
गौर हो कि गीतिका पांच अगस्त को पश्चिमोत्तर दिल्ली स्थित अपने फ्लैट में पंखे से लटकी पाई गई थी। इस घटना के बाद से ही गोपाल कांड फरार हैं।
First Published: Friday, August 17, 2012, 16:31