Last Updated: Monday, April 9, 2012, 07:02
आणंद: गुजरात में आणंद स्थित एक अदालत ने वर्ष 2002 के गोधरा ट्रेन अग्निकांड के बाद हुए दंगों के दौरान ओड गांव में हुए हत्याकांड मामले में सोमवार को 23 लोगों को दोषी ठहराने के साथ ही सबूत के अभाव में इतने ही लोगों को बरी कर दिया।
फैसला जिला एवं सत्र अदालत की न्यायाधीश पूनम सिंह ने सुनाया । अदालत दोषी ठहराये गए लोगों को सजा 12 अप्रैल को सुनाएगी।
दंगा मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने की। गोधरा ट्रेन अग्निकांड की घटना के बाद एक मार्च 2002 को ओडे गांव के पिरावली भगोल क्षेत्र में स्थित एक घर में अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओं और बच्चों सहित 23 लोगों को जिंदा जला दिया गया था।
इस मामले में कुल मिलाकर 47 लोग आरोपी थे लेकिन सुनवायी के दौरान एक आरोपी की मौत हो गई थी।
विशेष लोक अभियोजक पी एन परमार ने कहा कि 150 गवाहों की गवाही हो चुकी है तथा 170 से अधिक दस्तावेजी साक्ष्य अदालत के समक्ष रखे गए हैं।
इसकी सुनवाई वर्ष 2009 के अंत में शुरू हुई थी। मामले की सुनवायी पूरी होने को थी लेकिन इसी दौरान सुनवायी करने वाले न्यायाधीश ने मई 2011 में व्यक्तिगत कारण बताते हुए अपने पद से त्यागपत्र दे दिया। इसके बाद इस मामले में सिंह को न्यायाधीश नियुक्त किया गया और उनके समक्ष सभी जिरह फिर से हुई।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, April 10, 2012, 10:34