Last Updated: Saturday, April 20, 2013, 15:19
ज़ी मीडिया ब्यूरो/एजेंसीनई दिल्ली : राजधानी दिल्ली में वीभत्स बलात्कार की शिकार पांच वर्षीय बच्ची के लिए न्याय और मामले से निपटने में लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों को दंडित किए जाने की मांग को लेकर आज विरोध प्रदर्शन हुए। उधर, पुलिस ने 22 वर्षीय आरोपी को बिहार के मुजफ्फरपुर जिले से गिरफ्तार कर लिया है।
ये प्रदर्शन गत वर्ष 16 दिसम्बर को चलती बस में एक लड़की से सामूहिक बलात्कार की घटना को लेकर होने वाले विरोध प्रदर्शनों की तरह ही हैं। महिला संगठनों और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने मध्य दिल्ली के आईटीओ स्थित पुलिस मुख्यालय में घुसने का प्रयास किया और इस दौरान उनकी पुलिस से झड़प हुई। आईटीओ पर मुख्य सड़कें यातायात के लिए बंद कर दी गईं। पुलिस मुख्यालय में प्रवेश करने का प्रयास करने के लिए एक प्रदर्शनकारी को हिरासत में ले लिया गया। क्षेत्र में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। वहीं केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे और दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के आवासों पर सशस्त्र पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है।
प्रदर्शनकारियों ने एम्स के पास भी सड़क पर प्रदर्शन किया जहां बच्ची को कल शाम में इलाज के लिए स्थानांतरित किया गया था। एम्स में उसकी देखभाल कर रहे चिकित्सकों ने कहा कि बच्ची की हालत स्थिर है।
प्रदर्शनकारियों ने पुलिस आयुक्त के त्यागपत्र की मांग को लेकर नारेबाजी की। आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और आरोप लगाया कि पुलिस ने मामले में लापरवाही बरती। प्रदर्शनकारियों ने अपना प्रदर्शन गांधीनगर के पुलिसकर्मियों पर केंद्रित रखा जिन्होंने कथित रूप से मामले में लीपापोती का प्रयास किया और पीड़िता के पिता को नकदी की पेशकश करके उससे कहा कि वह मामले को आगे नहीं बढ़ाये। कार्यकर्ताओं ने उप निरीक्षक का निलंबन खाजिर करते हुए प्रदर्शन के लिए थाने गई युवतियों की पिटायी करने के लिए उसे गिरफ्तार करने की मांग की।
बच्ची से कथित तौर पर उसके एक पड़ोसी ने बलात्कार किया था और उसे बुरी तरह प्रताड़ित किया। उसने बच्ची को दो दिन तक बंधक और भूखा रखा । बच्ची के शरीर में विभिन्न वस्तुएं घुसाए जाने से उसे संक्रमण हो गया है ।
यौन उत्पीड़न की घटना को लेकर आहत और व्यथित राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में लगातार असफल रहने के कारणों की पहचान करने के लिए तत्काल आत्मविश्लेषण का आह्वान किया। मुखर्जी ने गुनहगारों को जल्द न्याय के कठघरे में लाने के लिए तत्काल कदम उठाने का भी आह्वान किया।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद बलात्कार पीड़ित बच्ची को देखने के लिए एम्स अस्पताल गए और उसके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी प्राप्त की। मंत्री ने लड़की के अभिभावकों से भी मुलाकात की और पीड़िता को सभी तरह की मदद और चिकित्सकीय देखभाल का भरोसा दिया। वह एम्स के चिकित्सकों से भी मिले और उन्हें बच्ची को सर्वश्रेष्ठ इलाज मुहैया कराने का निर्देश दिया। मंत्री अस्पताल में लगभग 15 मिनट तक रहे।
बिहार के मुजफ्फरपुर में पुलिस ने कथित रूप से बलात्कार में शामिल युवक को गिरफ्तार कर लिया। युवक को दिल्ली पुलिस के एक दल ने स्थानीय पुलिस की मदद से गिरफ्तार कर लिया।
आरोपी दिल्ली से ट्रेन से मुजफ्फरपुर पहुंचा था। उसका पता उसके मोबाइल फोन के जरिये लगा। उसकी हाल ही में शादी हुई थी और उसकी पत्नी दो दिन पहले ही अपने मायके गई थी। मजदूर के रूप में काम करने वाला आरोपी जिले के भारफुआ गांव का रहने वाला है।
दिल्ली पुलिस ने उसके खिलाफ हत्या की कोशिश और बलात्कार के आरोप में मामला दर्ज किया है। आरोप है कि उसने कम से कम दो दिन तक अपने कमरे में लड़की को बंधक बनाकर रखा। सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने घटना को पीड़ादायक और निंदनीय करार दिया और ऐसे मामले को रोकने के लिए पुलिस सुधारों के लिए बल दिया।
तिवारी ने कहा, ‘‘..सरकार ने बलात्कार रोधी कानून कड़ा किया है लेकिन पुलिस सुधार प्रक्रिया पर भी कार्य करने की आवश्यकता है। चूंकि यह :पुलिस सुधार: राज्यों के अधिकार क्षेत्र में आता है, पुलिस में सुधार लाने के लिए केंद्र और राज्यों को समन्वित तरीके से कार्य करना चाहिए।’’ उन्होंने इसके साथ ही पुरष प्रधान समाज की मानसिकता में परिवर्तन की जररत पर भी बल दिया।
कार्यकर्ता रंजना कुमारी ने कहा, ‘‘हमारी मांग है कि देश के कानून के तहत सभी पुलिसकर्मियों पर जुर्माना लगाया जाना चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘निलंबन पर्याप्त नहीं है..आप पुलिसकर्मियों को महिलाओं की पिटायी करने की इजाजत नहीं दे सकते।’’ भाजपा उपाध्यक्ष स्मृति ईरानी ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि बलात्कारियों को मौत की सजा दी जानी चाहिए।
आल इंडियन प्रोग्रेसिप वीमेंस एसोसिएशन की सचिव कविता कृष्णन ने कहा, ‘‘ऐसी श्रृंखलबद्ध घटनाएं हुई हैं जब पुलिसकर्मियों ने कानून का उल्लंघन किया है। इस बार एक एसीपी ने महिला की पिटायी की है, जिम्मेदारी कौन लेगा। हमारी मुख्य मांग यह है कि इस अपराध को अंजाम देने वाले पुलिस अधिकारियों को जेल भेजा जाना चाहिए।’’
First Published: Saturday, April 20, 2013, 12:01