Last Updated: Sunday, March 10, 2013, 13:45
नई दिल्ली : दिल्ली में एक नाबालिग लड़की को कथित रूप से जबरन घर में बंद कर उससे सामूहिक बलात्कार के आरोप में जामिया मिलिया इस्लामिया के कानून के पांच छात्रों के खिलाफ अभियोग निर्धारण के लिये 19 मार्च को बहस होगी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश गुलशन कुमार ने आदेश में कहा कि 19 मार्च को पुल्कित चौधरी, अमनदीप कादियां, शरद शेखर तोमर, रूपेन्शू प्रताप सिंह और विकास पूनिया के खिलाफ अभियोग निर्धारण के लिये बहस होगी। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने 30 जनवरी को सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। इसके बाद मजिस्ट्रेट की अदलात ने यह मामला सत्र अदालत को सौंप दिया था।
इन सभी पर भारतीय दंड संहिता के तहत समान इरादे से गलत तरीके से या जबरन रोक कर रखने, अपहरण करने या अगवा करने, सामूहिक बलात्कार करने और जालसाजी के आरोप हैं।
पुलिस के अनुसार कानून के इन छात्रों पर दक्षिण दिल्ली में एक सह आरोपी के घर में 16 साल की लड़की को कथित रूप से जबरन बंधक बनाकर उससे सामूहिक बलात्कार करने के आरोप हैं।
पुलिस ने गत वर्ष चार दिसंबर, को पुल्कित चौधरी, अमनदीप कादियां, शरद शेखर तोमर, रूपेन्शू प्रताप सिंह और विकास पूनिया को गिरफ्तार किया था। इस मामले में लड़की के घरवालों ने 15 सितंबर को डिफेन्स कालोनी थाने में शिकायत दर्ज करायी थी।
लड़की के घर वालों ने पुलिस को बताया था कि नौवीं कक्षा में पढ़ने वाली उनकी बेटी 15 सितंबर, 2012 को स्कूल से घर नहीं लौटी है।
पुलिस ने शुरू में अपहरण का मामला दर्ज किया था लेकिन जब दो महीने बाद 27 नवंबर को लड़की बरामद हुयी और उसने गवाही दी कि वह अमित गौतम के साथ उसके घर गयी थी जहां कथित रूप से उसे बंधक बनाकर उससे सामूहिक बलात्कार किया गया। (एजेंसी)
First Published: Sunday, March 10, 2013, 13:45