Last Updated: Sunday, February 26, 2012, 17:56
अहमदाबाद : गोधरा ट्रेन अग्निकांड की सोमवार को आयोजित की जाने वाली दसवीं बरसी पर कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, और जहां विहिप एक रैली निकालेगी अनेक गैर सरकारी संगठन एकजुट होकर दंगा पीड़ितों के लिए न्याय की मांग करेंगे।
गोधरा कांड में 59 कार सेवकों की मौत हुई थी और उसके बाद हुए सांप्रदायिक दंगों में 1200 से अधिक मुसलमानों की मृत्यु हुई थी। अयोध्या से लौट रहे साबरमती एक्सप्रेस के एस-6 कोच में गोधरा रेलवे स्टेशन पर 27 फरवरी 2002 को आग की घटना के बाद हुए दंगों का भूत आज भी मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को परेशान कर रहा है। मोदी, उनकी मंत्रिमंडल के सहयोगियों और अन्य सरकारी पदाधिकारियों पर अल्पसंख्यकों के खिलाफ दंगों के दौरान जानबूझकर निष्क्रियता बरतने के आरोप लगाए जा रहे हैं।
एक दशक बीत चुके हैं लेकिन अब तक दंगों से जुड़े कुछ ही मामलों में फैसले आए हैं। गोधरा कांड के बाद हुए दंगों की जांच के लिए गठित नानावती आयोग ने भी अपनी रिपोर्ट नहीं सौंपी है। विश्व हिंदू परिषद, गोधरा कांड के पीड़ित परिवारों और गोधरा कांड के बाद हुए दंगों के प्रभावित लोगों के लिए काम कर रहे गैर सरकारी संगठनों ने उस दिन कई कार्यक्रम रखे हैं।
विहिप नेता प्रवीण तोगड़िया गोधरा रेलवे यार्ड में रखे एस-6 कोच तक एक रैली का नेतृत्व करेंगे और घटना में मरने वाले लोगों को श्रद्धांजलि देंगे। उधर, 10 दिन का कार्यक्रम ‘इंसाफ की डगर पर’ शुरू करने के लिए 45 एनजीओ एकसाथ आए। यह कार्यक्रम 2002 के दंगों पर केंद्रित होगा और दंगा पीड़ितों के लिए न्याय की मांग पर केंद्रित होगा।
इसके अतिरिक्त अनेक शांति रैलियों, सूफी संगीत कार्यक्रमों, प्रदर्शनियों, कविता पाठ, पीड़ितों के साथ वार्ता और अनेक निकायों ने प्रार्थना सभा की योजना बनाई है। मेघानीनगर स्थित गुलबर्ग सोसाइटी के दंगा पीड़ित सोसाइटी में जमा होंगे और पवित्र कुरान की आयतों का पाठ करेंगे। गुलबर्ग सोसाइटी दंगा मामले में पूर्व सांसद एहसान जाफरी समेत 68 अन्य लोगों की जिंदा जला कर हत्या कर दी गई थी। (एजेंसी)
First Published: Monday, February 27, 2012, 00:48