Last Updated: Friday, April 27, 2012, 17:46
विसनगर (गुजरात) : गुजरात के मेहसाणा जिले में 2002 के गोधरा दंगों के दौरान दो लोगों की पीट-पीट कर हत्या कर देने के आरोपी 109 लोगों को अदालत ने बरी कर दिया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश के.बी. मेघनानी ने संदेह का लाभ देते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया।
अदालत ने कहा कि अभियोजन आरोपियों की भूमिका को स्पष्ट रूप से साबित करने में असफल रहा।
28 फरवरी 2002 को करीब डेढ़ हजार लोगों की हिंसक भीड़ ने उमता गांव में अल्पसंख्यक समुदाय के कई घरों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को जला दिया। दंगे के दौरान सेवानिवृत्त शिक्षक मोहम्मद शेख और एक अन्य व्यक्ति अब्दुल मंसूरी को भीड़ ने पीट-पीट कर मार डाला। जांच एजेंसियों को उनका शव तक नहीं मिला।
मामले में 120 लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया गया जिनमें से 11 लोगों की सुनवाई के दौरान ही मौत हो गई। 74 गवाहों से जिरह हुई और मारे गए लोगों के रिश्तेदार और पुलिस के अलावा लगभग अन्य सभी गवाह पलट गए। मामले की जांच स्थानीय पुलिस ने की और मारे गए लोगों के रिश्तेदार जांच से संतुष्ट नहीं थे।
(एजेंसी)
First Published: Friday, April 27, 2012, 23:16