Last Updated: Wednesday, March 13, 2013, 12:49
श्रीनगर : संसद हमले के दोषी अफजल गुरु का शव उसके परिवार को लौटाए जाने की मांग को लेकर चल रहे विरोध-प्रदर्शनों के तहत अलगाववादियों ने बुधवार को बंद का आह्वान किया था। बंद के चलते श्रीनगर व घाटी के अन्य शहरों में जनजीवन प्रभावित रहा। अलगाववादी संयुक्त समन्वय समिति मुत्ताहिदा मजलिए-ए-मुशावरात (एमएमएम) के बंद के आह्वान के बाद मंगलवार को श्रीनगर में दुकानें, सार्वजनिक यातायात व अन्य प्रतिष्ठान और शैक्षिक संस्थान बंद रहे।
गौरतलब है कि सर्दियों के तीन महीने के अवकाश के बाद सोमवार को ही स्कूल खुले थे। वैसे श्रीनगर व घाटी के अन्य शहरों में सड़कों पर निजी वाहन दिखाई दिए। सोपोर व बारामूला से मिल रही खबरों के मुताबिक वहां अलगाववादियों के बंद का व्यापक असर दिख रहा है। सामान्य जनजीवन प्रभावित हैं, बाजार और सड़कें सुनसान पड़े हैं। घाटी के अन्य शहरों में बंद का उतना असर नहीं दिखा।
वैसे श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर परिवहन बंद से अप्रभावित रहा। श्रीनगर व अन्य शहरों के संवेदनशील इलाकों में पुलिस व केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों की भारी संख्या में तैनाती की गई है लेकिन बुधवार को पैदल यात्रियों व वाहनों की आवाजाही पर कोई रोक नहीं है। अफजल का शव उसके परिजनों को लौटाए जाने के लिए सरकार पर दबाव बनाने के लिए एमएमएम बीते महीने से ही साप्ताहिक आधार पर विरोध-प्रदर्शन कर रही है। अफजल को नौ फरवरी को फांसी दी गई थी और उसे केंद्रीय तिहाड़ जेल के परिसर में ही दफना दिया गया था। केंद्रीय गृह मंत्री सुशीलकुमार शिंदे ने कहा था कि अफजल का शव उसके परिवार को नहीं लौटाया जाएगा। उनके इस बयान पर मंगलवार को राज्य विधानसभा में हंगामा हुआ था। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, March 13, 2013, 12:49