Last Updated: Thursday, February 23, 2012, 03:53
श्रीनगर: कश्मीर घाटी के गंदेरबाल और बांदीपोरा जिलों में हुईं हिमस्खलन की दो घटनाओं में सेना के 16 जवानों की मौत हो गई जबकि सात अन्य के मारे जाने की आशंका जताई जा रही है।
सेना के अधिकारियों ने बताया कि बांदीपोरा में नियंत्रण रेखा के पास गुरेज के दावर इलाके में हुए हिमस्खलन से 109 वीं पैदल टुकड़ी की कार्यशाला प्रभावित हुई। यहां मलबे से कम से कम 13 जवानों को बचाया गया। इनमें से दो की हालत गंभीर बताई जाती है।
हिमस्खलन बीती रात नौ बज कर करीब 15 मिनट पर हुआ लेकिन हादसे की खबर गुरुवार सुबह फैली क्योंकि जाड़े के दौरान भारी हिमपात होने की वजह से गुरेज घाटी का शेष देश से संपर्क कटा हुआ है।
सात जवान अब तक लापता हैं। आशंका है कि ये जवान मलबे के अंदर दबे हुए हैं। उनके बचने की उम्मीद बहुत ही कम है। सेना के प्रवक्ता कर्नल गरेवाल ने बताया कि हिमस्खलन के मलबे में 29 जवान दब गए। ‘नौ के शव मिले हैं और 13 जवानों को जीवित निकाला गया है। सात जवान अब तक लापता हैं।’
रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल जे एस बरार ने बताया कि इस जगह पहली बार हिमस्खलन हुआ है। उन्होंने कहा ‘पहले कभी यहां हिमस्खलन का रिकॉर्ड नहीं रहा।’सेना की 109 वीं पैदल टुकड़ी घाटी की पहाड़ियों पर तैनात है और गुरेज सेक्टर में नियंत्रण रेखा की निगरानी करती है। हाल ही में हुए भारी हिमपात के कारण यह जगह हिमस्खलन के लिए संवेदनशील हो गई। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हिमस्खलन में मारे गए जवानों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना जताई है।
उन्होंने कहा है कि वह श्रद्धांजलि के एक निजी संदेश के साथ एक मंत्री को सेना की, श्रीनगर स्थित 15 वीं कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल एस ए हसनैन के पास भेज रहे हैं।
हिमस्खलन की दूसरी घटना कल शाम गंदेरबाल जिले के सोनमर्ग इलाके में हुई जिसकी चपेट में 162 टेरिटोरियल आर्मी का शिविर आया और तीन जवानों की मौत हो गई। एसएएसई से मिली जानकारी के आधार पर राज्य आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ समुद्री सतह से लगभग 6000 फुट की उंचाई पर बसे इलाकों में बीते 14 दिनों से हिमस्खलन की चेतावनी जारी करता रहा है।
(एजेंसी)
First Published: Friday, February 24, 2012, 00:52