Last Updated: Thursday, December 8, 2011, 08:42
उज्जैन : आप यह जानकार हैरत में पड़ जाएंगे कि एक चपरासी के पास दस करोड़ की संपत्ति मिली है। भ्रष्टाचार को लेकर देश भर में हो-हल्ला के बावजूद नगर निगम का एक चुतर्थ श्रेणी कर्मचारी इतनी अकूत संपत्ति जमा करने में कामयाब रहा। मामले का खुलासा लोकायुक्त पुलिस ने किया।
उज्जैन नगर निगम के एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पास बुधवार को 10 करोड़ रुपये की संपत्ति का पता चला है। यह खुलासा तब हुआ, जब लोकायुक्त पुलिस ने उसके घर से इस संपत्ति से जुड़े कागजात बरामद किए। उसके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति रखने का मामला दर्ज कर लिया गया है।
नरेंद्र देशमुख नाम का यह कर्मचारी उज्जैन नगर निगम में चपरासी के पद पर काम करता है। उज्जैन में उसका आलीशान बंगला है। लोकायुक्त एसपी अरुण मिश्रा के मुताबिक, नरेंद्र के नाम पर दो घर हैं। उसके पास 18 बीघा जमीन, एक पॉलट्री फॉर्म और एक फार्म हाउस होने का भी पता चला है। मुंबई के नामचीन जगह पर एक होटल और एक फैक्ट्री में भी उसकी हिस्सेदारी का पता चला है। महाराष्ट्र के जलगांव जिले में भी उसकी पांच एकड़ जमीन है और उसके नाम से दस बैंक खाते भी सामने आए हैं।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, उसके घर से पांच मंहगी गाडि़यां, चार स्कूटर और दो करोड़ रुपये नगद मिले हैं। इसके अलावा, एक लॉकर का भी पता चला है। उसके बेटे और बेटी इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ रहे हैं। लोकायुक्त के पास देशमुख के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति रखने संबंधी शिकायतें दर्ज कराई गई। इकसे आधार पर करीब पुलिस टीम ने उसके घर पर छापा मारा और इतनी अकूत संपत्ति का पता चला।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, December 8, 2011, 14:12