Last Updated: Friday, May 31, 2013, 17:48

रांची : बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव से जुड़े 950 करोड़ रुपये के चारा घोटाले के तहत गोड्डा कोषागार से 37 लाख रुपए अवैध रूप से निकालने के एक मामले में शुक्रवार को यहां सीबीआई की विशेष अदालत ने ध्रुव भगत, राजद के पूर्व सांसद आर.के. राणा और पशुपालन विभाग के क्षेत्रीय निदेशक ओपी दिवाकर समेत कुल 10 लोगों को दोषी करार दिया जबकि दो लोगों को दोषमुक्त कर दिया।
रांची में सीताराम प्रसाद की विशेष सीबीआई अदालत ने गोड्डा कोषागार से 1995-96 में पशुपालन विभाग से 37 लाख रुपये की अवैध निकासी के मामले में इन सभी लोगों को दोषी करार दिया। अदालत इन्हें सोमवार को सजा सुनाएगी। सीबीआई द्वारा दर्ज इस आरसी 33ए-96 मामले में विशेष अदालत ने पूर्व सांसद आर.के. राणा, ध्रुव भगत और ओपी दिवाकर के अलावा अजित कुमार सिन्हा, बजट अधिकारी ब्रज भूषण प्रसाद, आपूर्तिकर्ता राजेश कुमार सिन्हा, कोषागार अधिकारी राकेश कुमार सिन्हा, कोषागार सहायक भानुकर दूबे और कोषागार लेखाकार बालकृष्ण दूबे को दोषी करार दिया।
एक अन्य आरोपी नरेश प्रसाद को अदालत ने आज दोषी करार दिया लेकिन वह अदालत नहीं पहुंचा था जिसके कारण उसे हिरासत में नहीं लिया जा सका। उसके वकील ने बताया कि वह कल अदालत में पेश होकर समर्पण करेगा। अदालत ने जिन लोगों को आज इस मामले में दोषी करार दिया उन सभी को न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया। इस मामले में अदालत ने गिरीश कुमार सिन्हा और महेन्द्र प्रसाद को साक्ष्यों के अभाव में दोषमुक्त कर दिया। इस मामले के अलावा राणा को चारा घोटाले के अन्य मामलों में भी दोषी करार दिया जा चुका है।
चारा घोटाले में कुल 63 मामले दर्ज किये गये थे जिनमें से 41 मामले वर्ष 2000 में झारखंड प्रदेश के गठन के बाद यहां स्थानांतरित कर दिये गये थे। इनमें अनेक मामलों में बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव स्वयं आरोपी हैं। (एजेंसी)
First Published: Friday, May 31, 2013, 17:33