चारा घोटाले: लालू के मामले में फैसला सुनाने पर रोक

चारा घोटाला: लालू के मामले में फैसला सुनाने पर रोक

चारा घोटाला: लालू के मामले में फैसला सुनाने पर रोकनई दिल्ली: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को अंतरिम राहत देते हुये सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड में सीबीआई की विशेष अदालत को 15 जुलाई को चारा घोटाले से संबंधित मामले में फैसला सुनाने से रोक दिया। इस मामले में राजद सुप्रीमो भी शामिल हैं।

न्यायमूर्ति पी सदाशिवम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ लालू प्रसाद के आरोप पर विचार के लिये तैयार हो गयी कि चारा घोटाले के मुकदमे की सुनवाई कर रहे विशेष न्यायाधीश पी के सिंह उनके साथ पक्षपात कर सकते हैं क्योंकि वह नीतीश कुमार सरकार में शिक्षा मंत्री पी के शाही के रिश्तेदार हैं।

न्यायाधीशों ने कहा कि याचिका में उठाये गये इस सवाल पर विचार की आवश्यता है कि क्या यह आरोप सही है या नहीं। न्यायालय ने इसके साथ ही सीबीआई को नोटिस जारी किया।

न्यायाधीशों ने इस मामल में गेंद सीबीआई के पाले में डालते हुये कहा कि यदि जांच एजेन्सी कहती है कि इसमें कोई पक्षपात नहीं है तो याचिका खारिज कर दी जायेगी।

न्यायालय ने जांच एजेन्सी और झारखंड सरकार को दो सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुये लालू प्रसाद की याचिका 23 जुलाई को सूचीबद्ध करने का आदेश दिया।

लालू प्रसाद की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी ने कहा कि न्यायाधीश के नीतीश कुमार सरकार में मंत्री का रिश्तेदार होने के कारण उनके पक्षपात करने की आशंका है। उनका कहना था कि नीतीश कुमार तो लालू प्रसाद के सबसे बड़े राजनीतिक शत्रु हैं। यह मामला पीके सिंह की अदालत से किसी अन्य अदालत को स्थानांतरित करने के लिये राजद सुप्रीमो की याचिका झारखंड उच्च न्यायालय ने एक जुलाई को खारिज कर दी थी।

यह मामला 1990 के दौरान चायबासा राजकोष से कथित रूप से धोखाधड़ी करके 37.7 करोड़ रुपए निकाले जाने से संबंधित है। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, July 9, 2013, 15:15

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