Last Updated: Tuesday, September 17, 2013, 19:07

रांची : बिहार के 950 करोड़ रुपये के चारा घोटाले से संबंधित चाईबासा कोषागार से फर्जी ढंग से 37 करोड़ रुपये से अधिक धन निकालने के मामले में मंगलवार को बहस पूरी हो गयी। इस मामले में राजद प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव भी अभियुक्त है।
विशेष सीबीआई अदालत ने इस मामले में सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आज कहा कि वह अपना फैसला 30 सितंबर को सुनायेगी।
इससे पहले, लालू प्रसाद यादव के वकील सुरेन्द्र सिंह ने लगभग एक घंटे बहस की और दावा किया कि बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री के खिलाफ इस मामले में अभियोजन की स्वीकृति राज्यपाल ने असंवैधानिक ढंग से दी थी और इसके लिए उन्होंने बिहार के मंत्रिपरिषद से सलाह नहीं ली थी।
उन्होंने दावा किया कि इस मामले में चूंकि लालू यादव के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति गलत ढंग से दी गयी है और असंवैधानिक है लिहाजा उनके खिलाफ पूरा अभियोजन की अवैध था।
जांच ब्यूरो ने इस दावे को अस्वीकार करते हुए कहा कि बिहार के तत्कालीन राज्यपाल ने इस मामले में अभियोजन की जो स्वीकृति दी थी वह बिलकुल वैध थी और इसके लिए उन्हें मंत्रिपरिषद से सलाह लेना आवश्यक नहीं था। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, September 17, 2013, 19:07