Last Updated: Thursday, March 21, 2013, 14:00
रायपुर: छत्तीसगढ़ में यौन उत्पीड़ण पर अंकुश लगाने के लिए प्रदेश के गृहमंत्री ने दंड विधान (छत्तीसगढ़ संशोधन) अधिनियम 2013 विधानसभा में पेश किया है। गुरुवार को इस पर चर्चा शुरू होगी। पेश विधेयक में महिला को मोबाइल पर अश्लील एसएमएस भेजने को गंभीर अपराध की श्रेणी में लाया जा रहा है। इंटरनेट के जरिए यौन उत्पीड़न करने को भी गैरजमानती अपराध के दायरे में लाया जा रहा है। इस तरह के अपराध के लिए छह महीने से दो साल तक की कैद की सजा का प्रावधान किया गया है।
धारा 509 (ख) के तहत इलेक्ट्रॉनिक साधनों द्वारा यौन उत्पीड़न करने पर भी सजा का प्रावधान किया गया है। यौन उत्पीड़न का आशय, महिला को क्षोभ या मानसिक पीड़ा देना माना गया है। मोबाइल या इंटरनेट पर ऐसी कोई टिप्पणी, अनुरोध, सुझाव, प्रस्ताव या फिर याचना (जो अश्लील, कामुक, घृणित, अभद्र हो) पर कठोर कारावास का दंड दिया जाएगा। इसकी अवधि छह महीने से दो साल तक हो सकती है। संशोधन अधिनियम में महिलाओं पर अपराध होते हुए देखना और उसे रोकने में विफल रहने पर भी दंड का प्रावधान किया जा रहा है। यौन अपराधी को बचाने, अपराध नहीं रोकने और अपराध की सूचना प्राधिकारियों को नहीं देने पर दंड का प्रावधान किया गया है। इसमें तीन साल की कैद और जुमार्ना हो सकता है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, March 21, 2013, 14:00