Last Updated: Monday, July 9, 2012, 19:45

नई दिल्ली: आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप में जेल में बंद वाईएसआर कांग्रेस के नेता और कडप्पा से सांसद वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने जमानत के लिए अब उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। उच्च न्यायालय और सीबीआई की विशेष अदालत पहले ही उनकी जमानत की अर्जी खारिज कर चुकी है।
जगन मोहन रेड्डी ने जमानत याचिका में कहा है कि केन्द्रीय जांच ब्यूरो के पास उनके खिलाफ एक भी सबूत नहीं है। उनका तर्क है कि महज धनवान होने या सार्वजनिक जीवन में होने के कारण कोई व्यक्ति जमानत पाने का अधिकार नहीं खो देता है।
आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के चार जून के फैसले को चुनौती देते हुए जगन मोहन रेड्डी ने कहा है कि उनके मामले में उच्च न्यायालय ने जमानत के सिद्धांतों को गलत तरीके से अपनाया जिसके कारण वह संविधान में प्रदत्त व्यक्तिगत आजादी के अधिकार से वंचित हैं।
जमानत याचिका में कहा गया है कि केन्द्रीय जांच ब्यूरो यह सिद्ध करने में भी विफल रहा है कि जमानत पर रिहा होने की स्थिति में याचिकाकर्ता साक्ष्यों के साथ छेडछाड कर सकता है या गवाहों को प्रभावित कर सकता है। याचिका में कहा गया है कि उच्च न्यायालय ने इस तथ्य को भी नजरअंदाज किया कि नौ महीने की अवधि में इस मामले में प्राथमिकी दर्ज होने और तीन आरोप पत्र दाखिल होने के दरम्यान याचिकाकर्ता को पूरी स्वतंत्रता मिली हुयी थी। इस मामले में हालांकि 150 से अधिक गवाहों की सूची है लेकिन उन्हें प्रभावित करने की भी कोई शिकायत नहीं मिली थी।
जगन मोहन की याचिका के अनुसार उच्च न्यायालय ने जमानत देने से इंकार करने की कार्यवाही में चुनिन्दा टिप्पणियां करके उसे इस मामले में लगभग दोषी करार ही दे दिया है।
केन्द्रीय जांच ब्यूरो ने 27 मई को जगन मोहन रेड्डी को आय के ज्ञात स्रोत से कहीं अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। सीबीआई की विशेष अदालत ने छह जून को जगन मोहन रेड्डी की जमानत अर्जी खारिज की थी। इसके बाद उच्च न्यायालय ने भी उसकी याचिका खारिज कर दी थी। (एजेंसी)
First Published: Monday, July 9, 2012, 19:45