जमानत बढ़ाने की चौटाला की अर्जी कोर्ट ने खारिज की

जमानत बढ़ाने की चौटाला की अर्जी कोर्ट ने खारिज की

नई दिल्ली : हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला की चिकित्सकीय आधार पर अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाने संबंधी याचिका दिल्ली उच्च न्यायालय ने खारिज करते हुये कहा कि ‘उन्हें अब और अस्पताल में भर्ती रहने की जररत नहीं है।’ अदालत ने 78 वर्षीय चौटाला को 17 सितम्बर को तिहाड़ जेल अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया है। अदालत के आदेश पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान द्वारा गठित मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल ने चौटाला की अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाने से से इनकार कर दिया।

न्यायमूर्ति मृदुल ने कहा, ‘मेरा विचार है कि अस्पताल में अब और भर्ती रहने की जररत नहीं है। मुझे उनकी अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाने के पीछे कोई आधार नहीं दिखता। तदनुसार अर्जी खारिज की जाती है।’

रिपोर्ट के अनुसार चौटाला का वर्तमान समय में स्वास्थ्य लाभ और फिजियोथेरेपी अस्पताल में भर्ती हुए बिना जारी है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इस समय उन्हें अस्पताल में भर्ती किये जाने की आवश्यकता नहीं है।

इनेला नेता की ओर वरिष्ठ अधिवक्ता यू यू ललित ने कहा कि गत तीन महीने से वह चिकित्सकीय कारणों से अस्पताल से बाहर नहीं आये हैं और उन्हें लगातार चिकित्सकीय देखभाल की जरुरत है। चौटाला, उनके पुत्र अजय चौटाला और 53 अन्य जूनियर बेसिक प्रशिक्षित शिक्षक भर्ती घोटाले में अलग अलग समय के लिए जेल में सजा काट रहे हैं।

ललित ने दलील दी कि अदालत में उनकी अपील के निपटारे तक उनकी अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ा दी जाए। अदालत ने उनकी सभी सभी दलीलें अस्वीकार कर दी। चौटाला की याचिका का विरोध करते हुए सीबीआई के लोक-अभियोजक राजदीपा बहुरा ने कहा कि पेसमेकर प्रत्यारोपण के बाद अदालत ने उन्हें चिकित्सा के लिए पर्याप्त समय दिया है। (एजेंसी)


First Published: Friday, September 6, 2013, 15:08

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