Last Updated: Sunday, August 18, 2013, 12:30

नई दिल्ली : राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) ने आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा के साथ संभावित गठबंधन को लेकर चल रही अटकलों को खारिज कर दिया और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा है कि रालोद मंदिर-मस्जिद की राजनीति नहीं करता तथा उसे किसी भी सूरत में ‘सांप्रदायिक नेतृत्व’ स्वीकार्य नहीं है।
रालोद प्रमुख अजित सिंह के पुत्र और पार्टी महासचिव जयंत चौधरी ने साक्षात्कार में कहा, ‘भाजपा में जिस तरह का नेतृत्व उभरकर सामने आ रहा है और सांप्रदायिक आधार पर धुव्रीकरण की कोशिश हो रही है, हम उसके खिलाफ हैं। यह पार्टी सांप्रदायिक राजनीति कर रही है। ऐसे में उसके साथ जाने का सवाल ही नहीं उठता।’ चौधरी से उत्तर प्रदेश में भाजपा और रालोद के बीच संभावित गठबंधन को लेकर चल रही अटकलों तथा मोदी के नेतृत्व के बारे में सवाल किया गया था।
उन्होंने मोदी का नाम लिए बगैर कहा, ‘मंदिर-मस्जिद की राजनीति से किसानों, मजदूरों और गरीबों के मुद्दे पीछे छूट जाते हैं। रालोद इस तरह की राजनीति में विश्वास नहीं करता। देश के लोगों को सांप्रदायिक नेतृत्व स्वीकार्य नहीं है और हमें भी यह स्वीकार्य नहीं है।’ चौधरी ने स्पष्ट कहा, ‘हम संप्रग का हिस्सा हैं और कांग्रेस के साथ ही चुनाव लड़ने जा रहे हैं। सीटों का बंटवारा भविष्य की बात है।’
तेलंगाना के गठन को लेकर हुए ऐलान के मद्देनजर पृथक हरित प्रदेश से जुड़ी अपनी मांग पर जयंत चौधरी ने कहा, ‘तेलंगाना और उत्तर प्रदेश की स्थिति अलग अलग है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश का इलाका तेलंगाना के मुकाबले ज्यादा खुशहाल है। हरित प्रदेश को लेकर हमें राजनीतिक सहमति बनानी है। अलग राज्य की मांग को लेकर हमारा संघर्ष जारी रहेगा।’ जाट आरक्षण के मुद्दे पर उन्होंने कहा, ‘जाट आरक्षण के मामले पर पिछड़ा वर्ग आयोग में फिर से प्रक्रिया शुरू होनी है। आयोग में अभी कुछ पद रिक्त हैं और उम्मीद करते हैं कि आने वाले समय में स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। वैसे प्रधानमंत्री से हमने मुलाकात की थी और वह इस मुद्दे पर हमसे सहमत हैं।’
उन्होंने कहा, ‘हरित प्रदेश और जाट आरक्षण के मुद्दे पर हम बातचीत जारी रखेंगे। उम्मीद करते हैं कि इन दोनों मुद्दों पर हम सर्वसम्मति बनाने में सफल रहेंगे।’ केंद्र की संप्रग सरकार की कथित नकारात्मक छवि के बारे पूछे जाने पर चौधरी ने कहा, ‘सरकार के खिलाफ माहौल होता है। हम सरकार का हिस्सा हैं, लेकिन हम सरकार के हर काम की पैरवी नहीं करते या उसके हर काम का विरोध नहीं करते। हमने अलग अलग मुद्दों पर सरकार के अंदर और बाहर रहते हुए विरोध तथा समर्थन किया है।’ (एजेंसी)
First Published: Sunday, August 18, 2013, 12:30