जयपुर साहित्य महोत्सव शुरू हुआ

जयपुर साहित्य महोत्सव शुरू हुआ

जयपुर: मशहूर बांग्ला लेखिका और मानवाधिकार कार्यकर्ता महाश्वेता देवी के उद्बोधन के साथ गुरुवार को डीएससी जयपुर साहित्य महोत्सव 2013 का शुभारंभ हो गया। एशिया का संभवत: सबसे बड़ा यह साहित्यिक आयोजन पांच दिनों तक चलेगा जिसमें साहित्य के अलावा अन्य कई विषयों पर भी चर्चा होगी।

महाश्वेता ने अपने उद्बोधन में कहा, "सपने देखना बुनियादी अधिकार होना चाहिए।" सम्मान के साथ जीने के लिए एक दूसरे के अधिकार को स्वीकार करने पर जोर देते हुए लेखिका ने कहा, "देश में सपने बंधन तोड़ कर बाहर आ रहे हैं।"

दिग्गी पैलेस लॉन में आयोजित महोत्सव में भाग लेने आए लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, "लोगों को जंगलों से खदेड़ा जा रहा है। वे कहां जाएंगे? वे नक्सली हैं जिनका अपराध यह है कि उन्होंने सपने देखने का साहस किया। उन्हें सपने देखने की इजाजत क्यों नहीं है? सपने देखना बुनियादी अधिकार बनाया जाना चाहिए।"

उद्घाटन सत्र के दौरान राजस्थान की राज्यपाल मार्गेट्र अल्वा और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी मौजूद थे। इस बार महोत्सव में जिन प्रमुख हस्तियों को चर्चा के लिए आमंत्रित किया गया है उनमें दलाई लामा, मशहूर लेखक जोए हेल्लर, नवोदित पाकिस्तानी उपन्यासकार जमील अहमद, नीलेश मिश्र, पीको अय्यर, शशि थरूर, बिनायक सेन, जावेद अख्तर और नदीम असलम आदि शामिल हैं।

चर्चा के विषयों में सिनेमा, कामुकता, साहित्य में बौद्धवाद, अफगानिस्तान, चरमपंथ, कला, योग, कविता, शेक्सपीयर, दर्शन, जेम्स बॉन्ड, महिलाओं के मुद्दे, राजनीति और अरब जगत शामिल हैं। दुनिया भर से आई करीब 40 महिला लेखिका लौंगिक न्याय एवं आधिकारिकता के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेंगी।

इस महोत्सव के प्रयोजकों में टाटा स्टील, गूगल, काउंसेलेज के साथ-साथ कई संगठनों जैसे ब्रिटिश काउंसिल, इडेनबर्ग वर्ल्ड राइटर्स कान्फ्रेंस, हिंदुस्तान टाइम्स, डीएनए, राजस्थान पत्रिका, वोडाफोन और बैंक शामिल हैं।

2005 से शुरू हुए इस महोत्सव में पहले साल महज 14 लोग ही भाग लेने आए थे। आयोजकों को अनुमान है कि इस वर्ष पांच दिनों के दौरान करीब दो लाख लोग महोत्सव में आएंगे। पिछले वर्ष एक लाख 20 हजार लोग महोत्सव में आए थे। (एजेंसी)

First Published: Thursday, January 24, 2013, 18:18

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