जया चाहती हैं खाद्य सुरक्षा बिल में संशोधन

जया चाहती हैं खाद्य सुरक्षा बिल में संशोधन

चेन्नई : तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अध्यादेश को खाद्य असुरक्षा अध्यादेश करार दिया है, और इस संबंध में संसद में पेश किए जाने वाले विधेयक में संशोधन की केंद्र सरकार से अपील की है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को दो अगस्त को लिखे पत्र में जयललिता ने कहा है कि विधेयक में संशोधन किया जाए, ताकि सार्वजनिक वितरण प्रणाली का क्रियान्वयन करने वाले राज्यों को अधिक खाद्यान्न मिले। जयललिता का यह पत्र शनिवार को सार्वजनिक किया गया।

पत्र में जयललिता ने लिखा है, `यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि अंत्योदय योजना, गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) तथा गरीबी रेखा से ऊपर (एपीएल) श्रेणी के तहत राज्यों को खाद्यान्न के आवंटन में किसी तरह की कमी न हो।` जयललिता के अनुसार, केंद्र सरकार की ओर से खाद्यान्न की जो आपूर्ति इस वक्त की जाती है, उसकी गारंटी होनी चाहिए और इस पर तीन साल के लिए रोक नहीं लगनी चाहिए।

उन्होंने कहा है कि अध्यादेश के कारण राज्यों को खाद्यान्न का मासिक आवंटन मौजूदा 2,96,000 टन से घटकर 1,00,000 टन रह जाएगा। इससे तमिलनाडु में सार्वजनिक वितरण प्रणाली को चालू रखने की स्थिति में राज्य के सरकारी खजाने पर 3,000 करोड़ रुपये सालाना का बोझ आएगा। इसके अतिरिक्त कई बार अनाज की कमी का संकट भी आ सकता है। (एजेंसी)

First Published: Saturday, August 3, 2013, 18:40

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