जया ने एनडीएमए के कदम का किया विरोध - Zee News हिंदी

जया ने एनडीएमए के कदम का किया विरोध




चेन्नई : मुल्लापेरियार बांध मुद्दे पर केंद्र सरकार पर दबाव बढ़ाते हुए तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता ने बांध के लिए आपात प्रतिक्रिया योजना बनाने के लिए विशेषज्ञों का एक दल गठित करने के लिए बुधवार को उसकी आलोचना की। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार केरल सरकार की चाल के आगे झुक रही है।

 

हजारों ग्रामीणों द्वारा विरोध प्रदर्शन के तौर पर सड़क जाम किए जाने के बाद केरल सीमा से लगे थेनी जिले के इलाकों में तनाव व्याप्त है। उधर, बांध मुद्दे पर जयललिता ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को एक और पत्र लिखा।
उन्होंने प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाले राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) द्वारा आपात प्रतिक्रिया योजना बनाने के लिए विशेषज्ञों का दल गठित करने पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने एनडीएमए कार्यालय के ज्ञापन को वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि यह केरल सरकार की चाल के आगे झुकने के सिवा और कुछ नहीं है।

 

जयललिता की ओर से बांध मुद्दे पर विगत कुछ हफ्तों में प्रधानमंत्री को लिखा गया यह चौथा पत्र है। यह पत्र सुरक्षा चिंताओं का हवाला देकर 116 साल पुराने बांध को ध्वस्त करने पर केरल की ओर से दिए जा रहे जोर को लेकर दोनों राज्यों के नेताओं की ओर से चल रहे वाक्युद्ध के बीच आया है। तमिलनाडु केरल की मांग का जोरदार विरोध कर रहा है।

 

बांध मुद्दे पर केरल के रुख के खिलाफ पिछले महीने से चल रहे आंदोलन के केंद्र थेनी जिले में पुलिस ने एमडीएमके नेता वाइको को उस वक्त गिरफ्तार कर लिया जब वह केरल सीमा पर लोअर कैंप जा रहे थे। वह बांध की रक्षा की मांग को लेकर सड़क नाकेबंदी आंदोलन के लिए अपनी पार्टी कार्यकर्ताओं का नेतृत्व करने जा रहे थे।

 

उधर, मुख्यमंत्री जे. जयललिता ने मुल्लापेरियार बांध पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखा, जिसमें रष्ट्रीय आपदा प्राधिकरण (एनडीएमए) पर केरल के प्रभाव में आकर बांध को होने वाले सम्भावित खतरों को निरूपित करने के लिए एक टीम गठित करने का आरोप लगाया गया है। जयललिता ने यह पत्र प्रधानमंत्री को मंगलवार को लिखा, जिसके तथ्य बुधवार को जारी किए गए। पत्र में कहा गया है कि यह केरल सरकार के दबाव में उठाया गया कदम है।

 

जयललिता के अनुसार, एनडीएमए ने भूकंप, बाढ़ या दोनों तरह की आपदाओं की स्थिति में मुल्लापेरियार बांध को होने वाले संभावित खतरों को निरूपित करने के लिए 12 दिसम्बर को विशेषज्ञों की एक टीम गठित की।

(एजेंसी)

First Published: Wednesday, December 21, 2011, 22:14

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