Last Updated: Wednesday, March 7, 2012, 04:28
ज़ी न्यूज ब्यूरोलखनऊ : उत्तर प्रदेश में सरकार बनाने जा रही समाजवादी पार्टी भले ही ये दावा कर रही हो कि सूबे में अब गुंडाराज और दबंगई नहीं चलेगी लेकिन मंगलवार को नतीजे के दिन ही पार्टी के कार्यकर्ता बेकाबू हो गए। जीत को लेकर मनाया जा रहा जश्न संभल में जानलेवा साबित हुआ। यहां सपा कार्यकर्ताओं ने एक प्रत्याशी की जीत का जश्न मनाते हुए अंधाधुंध गोलियां चलाईं जिसमें सात साल के एक बच्चे की मौत हो गई।
झांसी के बबीना में भी सपा कार्यकर्ताओं ने जमकर हुड़दंग मचाया और पत्रकारों पर हमला कर दिया। पुलिस को पत्रकारों की जान बचाने के लिए करीब 15 मीडियाकर्मियों को काउंटिंग स्थल पर ही अंदर बंद करना पड़ा और देर रात तक वहां पत्रकार एक तरह से बंधक रहे।
फिरोजाबाद में सपा उम्मीदवार 600 वोटों से हार गया तो इतनी करीबी हार से बौखलाकर उसने अपने समर्थकों के साथ नेशनल हाइवे नंबर-2 को जाम कर दिया और आगजनी की। पुलिस को सपाइयों को काबू में करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसू गैस के गोले छोड़े गए। आगरा में भी सपा कार्यकर्ताओं ने उपद्रव किया। खेड़ागढ़ में उनका प्रत्याशी हार गया, इसका गुस्सा निकालने के लिए सपाइयों ने एसडीएम से माइक छीन लिया। हंगामा किया और रेलिंग तोड़ दी। यहां पुलिस पर भी हमला किया गया।
मेरठ के किठौर में सपा प्रत्याशी शाहिद मंजूर जीते। जब वे विजय जुलूस निकाल रहे थे तो रास्ते में बसपा के वेस्ट यूपी प्रभारी सांसद मुनकाद अली का घर मिला। वहां दोनों पार्टियों के समर्थक आपस में भिड़ गए। यहां एक दूसरे की गाड़ियों पर जमकर पथराव हुआ। एसपी कार्यकर्ताओं ने बाद में मेरठ रोड पर जाम लगा दिया।
उक्त तमाम हिंसक घटनाओं से गुस्साए सपा के युवराज अखिलेश यादव ने कहा है कि कानून हाथ में लेने वालों को बख्शा नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पार्टी का कितना भी बड़ा पदाधिकारी क्यों न हो, वह कानून से ऊपर नहीं है। हिंसा की घटनाओं की निंदा करते हुए अखिलेश ने कहा कि पार्टी की छवि को खराब करने की कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सपा राज्य में कानून का शासन स्थापित करेगी और जो कोई कानून अपने हाथ में लेगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
First Published: Wednesday, March 7, 2012, 09:59