Last Updated: Wednesday, June 19, 2013, 22:18

अहमदाबाद : सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त विशेष जांच दल (एसआईटी) ने बुधवार को जाकिया जाफरी की उस याचिका के खिलाफ अपनी दलीलें पूरी कीं जिसमें 2002 के दंगों में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य को क्लीन चिट देने वाली एसआईटी की रिपोर्ट को खारिज करने की मांग की गई है।
मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट बीजे गणत्र के समक्ष दलीलें रखते हुए एसआईटी के वकील आरएस जमुआर ने अदालत से अनुरोध किया कि जाकिया की याचिका को खारिज कर रिपोर्ट को स्वीकार किया जाए। जाकिया पूर्व सांसद एहसान जाफरी की विधवा हैं। एहसान 2002 में गोधरा कांड के बाद भड़के दंगों का शिकार हो गए थे।
जमुआर ने दलीलें पेश करते हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय में जून, 2006 में दाखिल जाकिया की शिकायत में अप्रासंगिक सामग्री थीं और इसमें ऐसा कुछ नहीं था जिनकी जांच आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के प्रावधानों के तहत की जाए। एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट का बचाव करते हुए कहा कि उसने शीर्ष अदालत की निगरानी वाली जांच के दौरान हरसंभव सामग्री को एकत्रित किया। इसी आधार पर रिपोर्ट दाखिल की गई है।
एसआईटी ने पिछले साल जनवरी में अपनी अंतिम रिपोर्ट दी थी जिसमें मोदी और अन्य लोगों को गुजरात दंगों के मामले में क्लीन चिट दी गई थी। जाकिया ने एसआईटी रिपोर्ट का विरोध करते हुए मजिस्ट्रेट के समक्ष याचिका दायर की थी और मोदी तथा 58 अन्य लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल करने की मांग की थी। अदालत ने सुनवाई 26 जून तक के लिए स्थगित कर दी। उसी दिन जाकिया के वकील रिपोर्ट को खारिज करने के लिए अपनी दलीलें देना शुरू करेंगे। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, June 19, 2013, 22:18