जाति और क्षेत्रवाद की बदौलत सीएम बने शेट्टार

जाति और क्षेत्रवाद की बदौलत सीएम बने शेट्टार

जाति और क्षेत्रवाद की बदौलत सीएम बने शेट्टारबैंगलुरू: कर्नाटक भाजपा के प्रभावशाली और पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के साथ ही जाति एक ऐसा कारक रहा जो 56 वर्षीय जगदीश शेट्टार के मुख्यमंत्री पद तक पहुंचने में काफी मददगार साबित हुआ ।

पिछले वर्ष अगस्त में जैसा दृश्य देखा गया वैसा इस वर्ष नहीं था जब लिंगायत समुदाय के ही दूसरे नेता को आगे नहीं बढ़ने दिया गया और तब वोक्कालिगा संप्रदाय के डीवी सदानंद गौड़ा उभर कर सामने आए । येदियुरप्पा लिंगायत संप्रदाय से हैं ।

ग्यारह महीने बाद येदियुरप्पा धड़ा चाहता था कि गौड़ा हटें क्योंकि चीजें उस तरह नहीं हुईं जैसा वह चाहते थे और गौड़ा उनकी छाया से बाहर आना चाहते थे ।

पिछले वर्ष विधायक दल की बैठक में शेट्टार गौड़ा से हार गए और आज गौड़ा को शेट्टार के लिए हटना पड़ा । भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व संभवत: येदियुरप्पा शिविर के इस तर्क से सहमत था कि पार्टी को अगले वर्ष मई में विधानसभा चुनाव किसी लिंगायत नेता के नेतृत्व में लड़ना है जिससे मुद्दा शेट्टार के पक्ष में गया ।

भाजपा बहुसंख्यक लिंगायत समुदाय को अपना मुख्य वोट बैंक मानती है और शेट्टार उत्तरी कर्नाटक से भी हैं । इस क्षेत्र को पार्टी अपना गढ़ मानती है । दोनों कारक शेट्टार के पक्ष में रहे ।

पार्टी के वरिष्ठ नेता एचएन अनंत कुमार और भाजपा अध्यक्ष केएस ईश्वरप्पा ने पिछले वर्ष शेट्टार को आगे बढ़ाया था और कहा था कि उम्र उनके पक्ष में है । यह सही साबित हो गया । बहरहाल उनका कार्यकाल छोटा होगा क्योंकि विधानसभा चुनाव में एक वर्ष से भी कम समय रह गया है । भाजपा का एक धड़ा जल्द चुनाव कराने की बात कर रहा है जो संभवत: दिसम्बर में गुजरात विधानसभा के साथ ही चुनाव कराने के पक्ष में है ।

सदानंद गौड़ा का हाल में सार्वजनिक रूप से समर्थन करने वाले मंत्री और विधायक शेट्टार को मुख्यमंत्री बनाने से खफा होंगे जिससे सरकार की स्थिरता पर सवाल खड़े होंगे । इसलिए नाईट वाचमैन के रूप में उनका प्रदर्शन देखना दिलचस्प होगा । मृदुभाषी शेट्टार फिलहाल ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री हैं और ऐसे वक्त में प्रभार लिया है जब पार्टी पूरी तरह बंटी हुई है ।

शेट्टार ऐसे परिवार से आते हैं जो पूर्ववर्ती जनसंघ से जुड़ी हुई थी । उनका जन्म 17 दिसम्बर 1955 को बागलकोट जिले के बदामी तालुक के केरूर गांव में हुआ था।

उनके पिता शिवप्पा शिवमूर्तथप्पा शेट्टार जनसंघ के कार्यकर्ता थे और पांच बार हुबली..धारवाड़ नगर निगम के सदस्य चुने गए थे । दक्षिण भारत में वह जनसंघ के पहले मेयर थे । (एजेंसी)

First Published: Tuesday, July 10, 2012, 19:35

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